यमुना की बीच धारा से नाविक कर रहे अवैध बालू खनन

कसेंदा पिपरी थाना क्षेत्र में इन दिनों बालू माफिया सक्रिय हो गए और बीच यमुना नदी से नाव से बा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 09:12 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 09:12 PM (IST)
यमुना की बीच धारा से नाविक कर रहे अवैध बालू खनन
यमुना की बीच धारा से नाविक कर रहे अवैध बालू खनन

कसेंदा : पिपरी थाना क्षेत्र में इन दिनों बालू माफिया सक्रिय हो गए और बीच यमुना नदी से नाव से बालू का अवैध खनन कर रहे हैं। इस खनन को अवैध तरीके से रास्ता बनाकर रात के अंधेरे में ठिकाने लगा दिया जाता है। मामले की जानकारी ग्रामीणों ने अधिकारियों को दी है, लेकिन इसके बाद भी अब तक इस मामले को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया।

चायल तहसील क्षेत्र में इन दिनों फिर से बालू माफिया ने अवैध बालू खनन शुरू कर दिया है। पिपरी थाना के मकदूमपुर चौकी अंतर्गत शेरगढ़, सेंवढ़ा व तकिया यमुना घाटों में दिन के समय नाविक यमुना की बीच धारा से बालू की निकासी करते हैं। जिसे वह घाट के किनारे लगाकर डंप कर देते हैं। जैसे ही अंधेरा होता है घाटों पर मेला सा लग जाता है। माफिया ट्रैक्टर-ट्राली व डंपर से अवैध रास्ते से लेकर चले जाते हैं। ग्रामीणों की सूचना पर पूर्व में पुलिस ने कई बार अवैध बालू परिवहन के लिए बने रास्ते को बंद कराया है, लेकिन अब दोबारा बालू माफिया सक्रिय हो गए हैं। मामले को लेकर पिपरी इंस्पेक्टर विजय कुमार राय का कहना है कि बालू निकालने की जानकारी मिली है। जल्द ही बालू माफिया पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अवैध रास्ते को भी बंद कराने का काम किया जाएगा। गंगा नदी में शव को न करें प्रवाहित: कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश के कई जिलों में मौत के बाद गंगा में प्रवाहित हुई शवों को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है। सरकार ने सभी जनपदों को अलर्ट किया है कि गंगा घाटों की निगरानी की जाए, ताकि कोई शव को नदी में प्रवाहित न कर सके।

गंगा गोमती संस्थान के अध्यक्ष व गंगा सुरक्षा समिति के पदेन सदस्य विनय पांडेय ने आश्वस्त किया है कि कड़ाघाट पर हम व हमारे संस्था के लोग लगातार निगरानी रख रहे हैं। हम अपने संस्था के सदस्यों अमित कुमार निषाद गोताखोर, अफसार अहमद, कल्लू मोदनवाल, विनोद निषाद, एहसान अहमद, श्यामू सोनकर के साथ लगातार गंगा नदी में नाव के माध्यम से निगरानी कर रहें हैं। हम घाट पर किसी को भी गंगा नदी में शव प्रवाहित नहीं करने देंगें। यदि कोई नहीं मानता है तो इसकी सूचना तत्काल प्रशासनिक अफसरों को देंगे।

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