बारिश से सरकारी कार्यालय जलमग्न, घरों में घुसा पानी
तेज बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी है। सरकारी कार्यालय परिसर व लोगों के घरों में पानी घुस गया है। साथ ही कई लोग बेघर भी हो गए हैं। जल निकासी की उचित व्यवस्था कस्बों से लेकर गांवों की गलियां जलमग्न हो गई। इससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शिकायत के बाद भी निराकरण नहीं किया गया है। रास्ते में जल भराव से आवागमन प्रभावित हो रहा है।
जागरण संवाददाता, कौशांबी : तेज बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी है। सरकारी कार्यालय परिसर व लोगों के घरों में पानी घुस गया है। साथ ही कई लोग बेघर भी हो गए हैं। जल निकासी की उचित व्यवस्था कस्बों से लेकर गांवों की गलियां जलमग्न हो गई। इससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शिकायत के बाद भी निराकरण नहीं किया गया है। रास्ते में जल भराव से आवागमन प्रभावित हो रहा है।
बारिश के पानी से रास्ते में जलभराव न हो। इससे मद्देनजर मई माह में ही जिलाधिकारी ने ईओ व डीपीआरओ को निर्देश दिया था कि नाले व नाली की सफाई करा दी जाए। कुछ अधिकारियों से सफाई पूरी करने का दावा भी किया लेकिन दावा सिर्फ कागज में ही दिखा हकीकत क्या है? इसका राजफाश बुधवार को बारिश ने कर दिया। नगर पंचायत मंझनपुर, सरायअकिल, चायल, अजुहा समेत ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की समस्या बन गई है। नाले की सफाई न होने की वजह से मंझनपुर ब्लाक, किशोर न्याय बोर्ड, साधन सहकारी समिति मंझनपुर आदि स्थानों में जल भराव है। इससे कर्मचारियों एवं फरियादियों को आने-जाने में परेशानी हुई।
देवीगंज प्रतिनिधि के अनुसार दारानगर कड़ा धाम अंतर्गत बिहामिद पुर देवीगंज से कमालपुर पावर हाउस को जाने वाले मार्ग में बनी नालियां पूरी तरह से चोक हो जाने के कारण रात में हुई तेज बारिश के चलते लोगो के घरों में पानी घुस गया जिसके चलते लोगो को काफी नुकसान हुआ है। वही सुख लाल के घर में पानी भर जाने के कारण समर्सिबल पंप के द्वारा पानी बाहर निकाला गया। गांव के लोगो ने नालियों की सफाई न होने के कारण ही घरों में पानी घुस जाने का कारण बताया है। बैरागीपुर गांव में जल निकासी न होने के कारण गांव में चारों तरफ पानी भर गया लोगों को आने जाने में परेशानी होने लगी महेवा ओसा रोड में बनी जिस पुलिया से पानी निकलता था। उसके ध्वस्त होने से गांव की गलियों में पानी भर गया है। जिससे लोगों के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। सन्यासीपुर गांव के पास रहने वाले संतोष ईट भट्ठा में मजदूरी करके अपना अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था तथा छप्पर डालकर अपने परिवार के सहित निवास करता था। बारिश होने के कारण उसका छप्पर गिर गया तथा उसमें करीब आठ फीट चारों तरफ से पानी भर जाने के कारण उसके घर में रखा हुआ राशन सामग्री व अन्य घरेलू वस्तुएं डूब कर खराब हो गई। ऐसी स्थिति में उसके सामने अपना जीवन यापन करने व भोजन का कोई सहारा नहीं रह गया। लोगों का कहना था कि यदि उसको भी एक प्रधानमंत्री आवास मिला होता तो आज उसके सामने यह समस्या न होती।