फर्जी व कूटरचित डिग्री पर नौकरी कर रहे चार शिक्षकों पर मुकदमा
डा.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर जिले में चार शिक्षक दस साल से नौकरी कर रहे थे। गुरुवार को इन शिक्षकों के खिलाफ अलग-अलग थाना क्षेत्रों में खंड शिक्षा अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज कराया है। इन फर्जी शिक्षकों को अब तक मिले वेतन की रिकवरी के लिए भी बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, कौशांबी : डा.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर जिले में चार शिक्षक दस साल से नौकरी कर रहे थे। गुरुवार को इन शिक्षकों के खिलाफ अलग-अलग थाना क्षेत्रों में खंड शिक्षा अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज कराया है। इन फर्जी शिक्षकों को अब तक मिले वेतन की रिकवरी के लिए भी बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दिया है। यह शिक्षक प्रयागराज के सोरांव व कौशांबी जिले के अलग-अलग स्थानों के रहने वाले हैं।
प्रयागराज जनपद के मलाक चौधरी, सोरांव निवासी राजेश शुक्ल पुत्र राज किशोर, कौशांबी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सचवारा में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। इनकी डिग्री को एसआइटी ने जांच के दौरान फर्जी करारा दिया था। विश्वविद्यालय ने भी दूसरी भेजी गई रिपोर्ट में डिग्री को फर्जी करारा दिया। इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर गुरुवार को खंड शिक्षा अधिकारी कौशांबी जगत नारायण ने करारी थाने में राजेश के खिलाफ फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने का मुकदमा दर्ज कराया है। इसी प्रकार लौधना निवासी राधवेंद्र सिंह पुत्र धारा सिंह सरसवां ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बरौल्हा, पूरब शरीरा निवासी सुधीर कुमार पुत्र सूरजदीन प्राथमिक विद्यालय पूरबशरीरा प्रथम व सुरजीत सिंह पुत्र मोतीलाल सिंह निवासी कोरीपुर प्राथमिक विद्यालय बाकरगंज में सहायक अध्यापक के पद में तैनात था। इन तीनों ने भी आगरा विश्वविद्यालय की डिग्री लगाई थी। आरोप है कि इनकी डिग्री से छेड़छाड़ की गई है। सभी के खिलाफ खंड शिक्षा अधिकारी सरसवां मिथलेश कुमार ने मंझनपुर व पश्चिमशरीरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। बीएसए राजकुमार पंडित ने बताया कि सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के बाद उनके मिले वेतन की रिकवरी के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।