तराई के थानों तैनात रहे चार थानाध्यक्षों से पूछताछ संभव

जिले के यमुना घाटों में हुए खनन व डंप को लेकर कई तत्कालीन थानाध्यक्ष सीबीआइ के निशाने पर हैं। पूछताछ के लिए तत्कालीन थानाध्यक्षों को तलब किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो पूर्व में तराई क्षेत्र के थानों में तैनात रहे इंस्पेक्टरों की सूची भी मांगी है। जल्द ही वर्ष 2012 से 16 के बीच तैनात रहे थानाध्यक्षों से पूछताछ कर सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Jul 2019 11:52 PM (IST) Updated:Sun, 28 Jul 2019 06:34 AM (IST)
तराई के थानों तैनात रहे चार थानाध्यक्षों से पूछताछ संभव
तराई के थानों तैनात रहे चार थानाध्यक्षों से पूछताछ संभव

जासं, कौशांबी : जिले के यमुना घाटों में हुए खनन व डंप को लेकर कई तत्कालीन थानाध्यक्ष सीबीआइ के निशाने पर हैं। पूछताछ के लिए तत्कालीन थानाध्यक्षों को तलब किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो पूर्व में तराई क्षेत्र के थानों में तैनात रहे इंस्पेक्टरों की सूची भी मांगी है। जल्द ही वर्ष 2012 से 16 के बीच तैनात रहे थानाध्यक्षों से पूछताछ कर सकती है।

जिले की यमुना घाटों में अवैध खनन की जांच करने आई सीबीआइ टीम ने शनिवार वर्ष 2016 में यमुना घाटों पर सीज की गई बालू की पड़ताल की। पूर्व में जांच के लिए आई सीबीआइ टीम को कटैया, महेवा, भखंदा, डेढ़ावल, कटरी, तिल्हापुर, जमुनापुर आदि घाट यमुना घाटों पर बड़े पैमाने पर बालू डंप मिली थी जिसे सीज किया था लेकिन कुछ महीने बाद माफिया ने डंप बालू बेच दी। जांच के दौरान सीबीआइ टीम को अधिकतर स्थानों बालू पर बालू नहीं मिला। सूत्रों की मानें से प्रशासनिक व पुलिस विभाग से सांठगांठ कर माफिया ने करोड़ों में डंप की गई बालू को बेची है। वर्ष 2012 से 16 के बीच महेवाघाट, सरायअकिल, पश्चिमशरीरा, पिपरी के थानेदार भी शक की जद में हैं। स्थानीय कारोबारियों से भी हुई पूछताछ

सीबीआइ टीम ने शनिवार को स्थानीय बालू कारोबारियों को बुलाया। सुबह 11 बजे से टीम के सदस्यों से महेवा, कटरी, भखंदा, जमुनापुर में वर्ष 2012 से 16 के बीच हुए बालू खनन को लेकर कारोबारियों से पूछताछ हुई। एक-एक करके करीब छह लोगों से तीन घंटे तक पूछताछ चली। इस दौरान टीम को अवैध खनन से जुड़ी कई जानकारी मिली। जिन कारोबारियों से पूछताछ की गई है। उन्हें टीम ने जनपद से बाहर जाने से रोक दिया है।

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