आतिशबाजी में उड़ गए चार करोड़, सतरंगी हुआ आसमान

दीपावली पर्व पर इस बार के चायनीज पटाखे अन्य सामान बाजार में दिखे लेकिन लोगों ने खरीदारी लोगों ने नहीं किया। देशी पटाखों और झालरों की बिक्री अधिक हुई। ऐसे में इस रोजगार से जुड़े लोगों को फायदा हुआ है। शाम से पटाखे छुरछुरिया व राकेट छुटने लगे। पूरी रात आतिशबाजी चली इससे आसमान पूरी रात सतरंगी हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Nov 2021 09:34 PM (IST) Updated:Thu, 04 Nov 2021 09:34 PM (IST)
आतिशबाजी में उड़ गए चार करोड़, सतरंगी हुआ आसमान
आतिशबाजी में उड़ गए चार करोड़, सतरंगी हुआ आसमान

कौशांबी। दीपावली पर्व पर इस बार के चायनीज पटाखे अन्य सामान बाजार में दिखे , लेकिन लोगों ने खरीदारी लोगों ने नहीं किया। देशी पटाखों और झालरों की बिक्री अधिक हुई। ऐसे में इस रोजगार से जुड़े लोगों को फायदा हुआ है। शाम से पटाखे, छुरछुरिया व राकेट छुटने लगे। पूरी रात आतिशबाजी चली इससे आसमान पूरी रात सतरंगी हो गया। व्यापारी की माने तो दीपावली की रात लगभग चार पटाखा बाजार में हर बार चाइनीज आइटम की धूम रहती थी। इस बार चाइनीज आइटम खरीदने का अधिकतर लोगों ने बहिष्कार किया। स्थानीय कामगारों ने खूब फायदा उठाया। बाजार में गुजरिया, बबलू, मोटू, पतलू सहित तमाम आतिशबाजी के आइटम कामगारों ने बनाकर बाजार में उतारा था। बिक्री अच्छी हुई इसकी वजह से कारोबारी खुश नजर आए। स्थानीय प्रशासन ने पटाखे की दुकान के लिए बस्ती से बाहर स्थान निर्धारित किया। मंझनपुर, चायल, करारी, सराय अकिल, देवीगंज, कड़ा, टेंवा, पश्चिम शरीरा,दारानगर, मनौरी, पूरामुफ्ती आदि बाजारों में पटाखे की दुकाने लगाई गई थी। 82 दुकानों में सजे आतिशबाजी के आइटम की बिक्री की गई।

कम धुआं वाले भी छूटे पटाखे

प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने को लेकर की जा रही पहल को भी खासा असर दिखा। इस बार बाजार में तमाम ऐसे पटाखे मौजूद थे, जिसमें नाम-मात्र का धुंआ हो रहा था। सबसे आकर्षक धागा वाली चुटपुटिया थी। इसमें धुआं नहीं था। छोटा बच्चा भी इसे आसानी से छुटा सके। बुजुगों ने दीप जला मनाई दीपावली

बुढ़ापे में सहारा मिलने का सपना सजोकर जिन माता-पिता ने अपने बच्चों को पाला था। उनमें से कुछ बेटों ने माता-पिता को अपने से दूर कर दिया है। ऐसे बुजुर्गों ने वृद्धाश्रम में दीपावली मनाई। वृद्धाश्रम के मैनेजर ने उनके लिए पकवान बनवाए और रात को दीप जलाए। इसी बीच बुजुर्गों को अपनों की कमी तो खली, लेकिन यहां मिली खुशियों से उनकी आंखें भर आई।

दीपावली पर्व पर गुरुवार को खुशी मनाई गई। लक्ष्मी गणेश की पूजा कर रात को बड़ों व बच्चों ने पटाखे फोड़े। वहीं जिला मुख्यालय मंझनपुर के ओसा स्थित वृद्धाश्रम के बुजुर्गों ने दीप जलाकर दीपावली मनाते हुए लोगों के कल्याण की कामना की। इनमें महिलाएं व पुरुष दोनों ही शामिल हैं। कुछ बुजुर्गों के तो परिवार वाले त्योहारों पर अपने माता-पिता से मिलने आए, लेकिन ऐसे तमाम लोग थे। जिनके घर से कोई नहीं आया। हालांकि वृद्धाश्रम के मैनेजर आलोक राय ने इन बुजुर्गों को अपने स्तर से इस बात का एहसास नहीं होने दिया कि उनके बेटे व बहू साथ में नहीं हैं, फिर भी उनकी दीवाली सूनी नहीं जाएगी। इसके लिए मैनेजर ने सुबह से ही पूड़ी, सब्जी व अन्य पकवान बनवाए। सभी के लिए मिठाइयां मंगवाई और गणेश-लक्ष्मी की पूजापाठ करने के बाद बुजुर्गों के साथ घुल-मिलकर फुलझड़ी जलाई। पूरे दिन आश्रम में भजन कीर्तिन का कार्यक्रम चलता रहा।

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