ससुर खदेरी का 40.40 करोड़ रुपये से होगा पुनरुद्धार

मृतप्राय ससुर खदेरी की डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) लगभग पूरी हो चुकी है। नदी पर बने चेकडैमों की रिपोर्ट विभागों से आ गई है। खोदाई और सफाई के लिए राजस्व विभाग ने नदी की लंबाई चौड़ाई समेत रकबा भी सिचाई विभाग को उपलब्ध करवा दिया है। विकास विभाग की बैठक में मनरेगा योजना से तैयार प्रस्ताव शासन को भेजने की तैयारी की जा रही है। डीपीआर को शासन से हरी झंडी मिलते ही नदी का पुनरुद्धार का कार्य मनरेगा योजना से होगा जिसमें श्रमिकों को 20 लाख मानव दिवस का काम मिलेगा। नदी के पुनरुद्धार में 40.40 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 10:32 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 06:10 AM (IST)
ससुर खदेरी का 40.40 करोड़ रुपये से होगा पुनरुद्धार
ससुर खदेरी का 40.40 करोड़ रुपये से होगा पुनरुद्धार

संवाद सूत्र, चायल : मृतप्राय ससुर खदेरी की डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) लगभग पूरी हो चुकी है। नदी पर बने चेकडैमों की रिपोर्ट विभागों से आ गई है। खोदाई और सफाई के लिए राजस्व विभाग ने नदी की लंबाई, चौड़ाई समेत रकबा भी सिचाई विभाग को उपलब्ध करवा दिया है। विकास विभाग की बैठक में मनरेगा योजना से तैयार प्रस्ताव शासन को भेजने की तैयारी की जा रही है। डीपीआर को शासन से हरी झंडी मिलते ही नदी का पुनरुद्धार का कार्य मनरेगा योजना से होगा जिसमें श्रमिकों को 20 लाख मानव दिवस का काम मिलेगा। नदी के पुनरुद्धार में 40.40 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।

फतेहपुर जनपद के हथगांव क्षेत्र के सेमरामानपुर स्थित जगन्नाथ झील से निकली मृतप्राय ससुर खदेरी नदी के किनारे वाले किसानों ने नदी को समतल कर अपने खेतों में मिला लिया है। चायल के तिल्हापुरमोड़ और प्रयागराज में नदी की भूमि को कुछ भूमाफियाओं ने कब्जा कर प्लाटिग भी की। चेकडैम निर्माण के बावजूद बारिश को छोड़ दें तो नदी एक बूंद पानी के लिए तरसती रहती है। 30 जुलाई को सेवानिवृत हुए सीडीओ इंद्रसेन सिंह ने तत्कालीन ग्राम्य विकास आयुक्त नागेंद्र सिंह के निर्देश पर नदी की पुनरुद्धार के लिए सिचाई विभाग को जिम्मेदारी दी। सिचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता जगदीश लाल ने बताया कि नदी की कुल लंबाई 191.8 किलोमीटर में 112 चेकडैम बने है। जिसमे कौशांबी में 100.2 किलोमीटर की लंबाई पर 86 चेकडैम का निर्माण हुआ है। नदी पर बने पुल और चेकडैम की डिजाइन पर मंथन किया जा रहा है। फतेहपुर और प्रयागराज डीएम को भी नदी की अलाइमेंट और गांवों में पड़ने वाली भूमि की रिपोर्ट देने के लिए पत्र लिखा गया है। फतेहपुर और प्रयागराज जनपद की रिपोर्ट आने के बाद विकास विभाग की बैठक में तैयार की गई डीपीआर को शासन को भेज दी जाएगी। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद अक्टूबर से खुदाई शुरू होने की संभावना है।

प्रथम चरण की खोदाई की योजना तैयार

अधिशाषी अभियंता सिचाई विभाग जगदीश लाल ने बताया कि लघु सिचाई विभाग ने 14 चेकडैम में पड़ने वाली नदी की एरिया को 600-600 मीटर में एक काम को बांटा है। डीपीआर के भेजने के बाद शासन से स्वीकृति मिलते ही नदी की खुदाई का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।

पांच साल पहले शुरू हुआ था प्रयास

पांच साल पहले तत्कालीन सीडीओ दिनेश कुमार ने पुनरुद्धार को चायल, नेवादा, मंझनपुर समेत सिराथू विकास खंड के नदी के किनारे पड़ने वाले गांवों के नालों की खुदाई करवाकर निकलने वाले पानी को नदी में गिराने की योजना बनाई लेकिन स्थानांतरण के बाद योजना ठंडे बस्ते में चली गई।

सिचाई खंड कौशांबी की ओर से अभिसिचित करती हुई ससुर खदेरी के जीर्णोद्धार (खोदाई) से जनपद के ब्लॉकों का जलस्तर बढ़ेगा। प्रशासन की इस पहल की मैं मुक्त कंठ से प्रशंसा करता हूं।

रणविजय निषाद, भूगर्भ जल विज्ञानी

ससुर खदेरी के पुनरुद्धार से आसपास का जलस्तर तो बढ़ेगा ही साथ ही साथ सिचाई में भी सुविधा होगी। लघु सिचाई विभाग का यह कार्य जल संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।

श्रेया द्विवेदी सदस्य, जल बचाओ जीवन बचाओ अभियान।

chat bot
आपका साथी