कृषि कानून को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन, बिजली के दाम कम करने की उठाई मांग

केंद्र सरकार नया कृषि कानून व्यवस्था लाना चाह रही है। इसके विरोध में किसानों का लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा है। नए किसान कानून संसोधन बिल के खिलाफ मंगलवार को भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने चायल तहसील में प्रदर्शन किया है। किसानों के विरोध शांत कराने पहुंचे एसडीएम और सीओ को पांच सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 12:27 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 12:27 AM (IST)
कृषि कानून को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन, बिजली के दाम कम करने की उठाई मांग
कृषि कानून को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन, बिजली के दाम कम करने की उठाई मांग

कौशांबी। केंद्र सरकार नया कृषि कानून व्यवस्था लाना चाह रही है। इसके विरोध में किसानों का लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा है। नए किसान कानून संसोधन बिल के खिलाफ मंगलवार को भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने चायल तहसील में प्रदर्शन किया है। किसानों के विरोध शांत कराने पहुंचे एसडीएम और सीओ को पांच सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा है।

भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन के पदाधिकारी, कार्यकर्ता व क्षेत्रीय किसान मंगलवार को चायल तहसील में इकट्ठा हुए। जिला अध्यक्ष नरेंद्र कुमार पांडेय की अगुवाई में एकत्रित हुए यूनियन के पदाधिकारियों समेत इलाके के सैकड़ों की संख्या में रहे किसानों ने कहा कि बिना किसानों से राय मशवरा किए केंद्र सरकार ने किसान संशोधन बिल के तीनों कृषि विधेयकों को दोनों सदनों में पास कराया, वह निदनीय है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनमानी पर उतारू है। अन्नदाता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। नए कृषि विधेयकों से किसान कुछ ही दिनों में भूमिहीन हो जाएंगे। ये विधेयक पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अपने अध्यादेश में संशोधन या इसे वापस नहीं लेती है, किसान सड़कों पर उतरकर विरोध करते रहेंगे। किसानों का आरोप है कि केंद्र के कृषि बिल से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र भी देश के बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा। किसानों ने कहा कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि बिजली के बढ़े बिल को वापस लिया जाए। दिल्ली की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी बिजली बिल फ्री किए जाने चाहिए । लखीमपुर खीरी में जान गंवाने वाले किसानों के स्वजनों को एक करोड़ की सहायता राशि और हत्या रोपितों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाए। किसानों ने पांच सूत्रीय मांगो का राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम राजेश श्रीवास्तव व सीओ श्यामकांत को सौंपा। इस मौके पर शिवराज, प्रिया त्रिपाठी, देवनाथ, सोनू कुमार, शिवराम, श्याम बाबू, दिल कुमार, सुरजन सिंह, रमऊलाल और बड़ेलाल आदि किसान मौजूद रहे।

वहीं दूसरी ओर मंझनपुर में भारतीय किसान यूनियन ने धरना प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा। जिलाध्यक्ष नूरूल इस्लाम ने कहा कि लखीमपुर के किसानों का अस्थि कलश पूरे प्रदेश के किसानों के पास भेजा गया है। जहां अपने-अपने स्तर पर अस्थिकलश को गंगा व यमुना में विसर्जित किया जाएगा। कहा कि किसानों को अब पीड़ा हो रही है कि देश कृषि आधारित बजट तैयार होता है, लेकिन इस में किसानों का कोई रोल नहीं है। सरकार ही सब कुछ तय कर लेती है। जबकि को नए कृषि कानून मंजूर नहीं है तो सरकार इसे लागू कर साबित क्या करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस बढ़ रही मंहगाई से किसानों को राहत देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को पद से हटाया जाए। साथ ही नए कृषि कानून को रद्द करते हुए सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य व बिजली के बिल, डीजल व पेट्रोल में मूल्यों में कमी लाने की मांग की है। इस मौके पर जिला प्रवक्ता विजय त्रिपाठी, राम अभिलाष, रणवीर सिंह, सिद्धशरण गुप्ता, भइयालाल आदि मौजूद रहे।

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