मुसीबत के समय परिवार ही आता है काम

टेढ़ीमोड़ समाज अथवा प्राणी जगत में परिवार सबसे छोटी इकाई के रूप में होती है। परिवार

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 09:45 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 09:45 PM (IST)
मुसीबत के समय परिवार ही आता है काम
मुसीबत के समय परिवार ही आता है काम

टेढ़ीमोड़ : समाज अथवा प्राणी जगत में परिवार सबसे छोटी इकाई के रूप में होती है। परिवार के अभाव में मानव समाज का संचालन बहुत मुश्किल कार्य है। हमारी संस्कृति एवं सभ्यता कितने ही परिवर्तनों को स्वीकार करके अपने को परिष्कृत कर ले, लेकिन परिवार के अस्तित्व पर कोई आंच नहीं आती है। आज हम चाहे कितनी भी आधुनिक विचार धाराओं में पल रहे हों लेकिन परिवार एक होने पर संतुष्टि का अनुभव करते हैं। गांवों की परंपरा पहले से ही एकजुट परिवार की रही है। आज इन विषम परिस्थितियों में जबसे कोविड महामारी आई है, जिसके चलते नातेदार, रिश्तेदार, दोस्त सब एक-दूसरे से दूरी बनाकर रख रहे हैं, ऐसे में परिवार ही वर्तमान में एकजुट होता नजर आया है। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद सब मुंह मोड़ ले रहे हैं, लेकिन परिवार के लोगों ने इस कठिन परिस्थितियों में भी एक होकर लगातार सेवा व इलाज में लगकर एकजुटता का संदेश दिया।

सिराथू तहसील के कल्यानपुर निवासी फूलचंद्र केसरवानी का परिवार भी इस महामारी में एकजुट दिखाई दिया। इनके छोटे पुत्र सचिन केसरवानी की तबियत अप्रैल माह में खराब हुई। जिस पर 21 अप्रैल को जांच कराने के उपरांत कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई। यह जानने के बाद जब सभी ने दूरी बनाई तो उस समय परिवार की एकता ही काम आई। घर के सभी लोग पत्नी कोमल, मां उमा देवी, भाभी मीनू आदि ने घर पर रहते हुए डाक्टरों की सलाह पर देखभाल जारी रखा। इसके उपरांत तबियत में सुधार हुआ तथा पंद्रह दिन बाद फिर से जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आई। इस पर परिवार के लोग खुश नजर आए। सचिन ने बताया कि इस विपरीत परिस्थितियां में मेरा परिवार ही मेरे लिए ईश्वर के तरह मेरी मदद में लगा रहा। ऐसे में परिवार को एकजुट होना ही विश्व परिवार दिवस के लिए एक मिसाल है।

वहीं, चायल तहसील के कशिया पूरब के आलोक द्विवेदी की रिपोर्ट अप्रैल माह में जब पॉजिटिव आई। बाहर के लोगों का सपोर्ट न मिलने पर उन्हें परिवार की विशेष याद आई। ऐसे में जैसे ही परिवार के अन्य भाइयों व सीतापुर में नौकरी कर रही पत्नी को जानकारी हुई तो इस विषम परिस्थिति में सभी घर आ गए। सबने मिलकर एक साथ होने की मिसाल पेश किया। उन्हें इस दहशत वाली कोरोना बीमारी से निकालने का सफल प्रयास किया। आलोक ने बताया कि इस विषम परिस्थिति में मेरे भाई, माता, पत्नी आदि ने अकेलापन महसूस होने नही दिया तथा परिवार की एकजुटता होने का संदेश दिया।

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