आंधी-पानी से 24 गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप

विद्युत उपकेंद्र मंदर के दो दर्जन से अधिक गांवों की लाइनें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। जिसके चलते इलाके में दौड़ी लाइन की तारें जगह-जगह से जोड़ी हुई है। इतना ही नहीं बेहद लूज हुई तारों को फासला देने के लिए बांस आदि की लकड़ियों का सहारा लिया गया है। बेहद जर्जर तार आए दिन टूट कर गिरते रहते हैं। जाहिर है कि बारिश के दिनों में हवा भी चलती है। तो कहीं ना कहीं से लाइन में फाल्ट हो जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 10:09 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 10:09 PM (IST)
आंधी-पानी से 24 गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप
आंधी-पानी से 24 गांवों की विद्युत आपूर्ति ठप

संसू, कसेंदा : विद्युत उपकेंद्र मंदर के दो दर्जन से अधिक गांवों की लाइनें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। जिसके चलते इलाके में दौड़ी लाइन की तारें जगह-जगह से जोड़ी हुई है। इतना ही नहीं बेहद लूज हुई तारों को फासला देने के लिए बांस आदि की लकड़ियों का सहारा लिया गया है। बेहद जर्जर तार आए दिन टूट कर गिरते रहते हैं। जाहिर है कि बारिश के दिनों में हवा भी चलती है। तो कहीं ना कहीं से लाइन में फाल्ट हो जाती है। मंगलवार की सुबह से शाम तक रुक- रुक कर हुई बारिश से कई जगहों पर हुई शार्ट सर्किट से इलाके की बिजली आपूर्ति ठप हो गई जिससे ग्रामीणों को बिजली की आपूर्ति समस्या से जूझना पड़ा है। विद्युत तारों को बदलने के लिए ग्रामीणों ने कई बार अधिशाषी अभियंता से किया लेकिन विद्युत तारों को दुरुस्त नहीं कराया गया।

गर्मी आते ही बिजली की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में बिजली की मांग भी रहती है। गर्मी के साथ ही शुरू हो रही बारिश में आंधी तूफान और तेज हवाएं चलती है। जिससे बिजली के खंभे और तार टूटने की घटनाएं तो होती रहती है। जिससे बिजली आपूर्ति बांधित होती है। साथ अनहोनी की आशंका भी रहती है। बिजली उपकेंद्र मंदर के कसेंदा फीटर से दर्जनों गांव की बिजली आपूर्ति के लिए लगी तार पूरी तरह से जर्जर है। कसेंदा गांव के हीरालाल, मोहनलाल, मैहर कनौजिया, छोटेलाल कनौजिया, रंजीत यादव अकबरपुर के बंशीलाल, यसवंत सिंह यादव, बिलासपुर के चतुर सिंह, धारा सिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि मंदर बिजली उपकेंद्र के कसेंदा फीटर अंतर्गत आने वाले करनपुर, पावन, तेवारा, मेंडवारा, अकबरपुर, काठगांव, बिलासपुर कसेंदा सहित दर्जन भर से अधिक गांव की बिजली आपूर्ति के लिए लगी तार लगभग पांच दशक पहले गांवों में आई पहली बार बिजली के साथ ही लगाई गई है। जो कभी बदली नहीं गई जिसके चलते तार इन दोनों पूरी तरह से जर्जर है। जो आए दिन टूट कर गिरती रहती है। जिससे गांव की बिजली आपूर्ति बांधित होती है। साथ हादसे का खतरा भी बना रहता है। इतना ही नहीं बारिश में तार टूटने की घटने की घटना बढ़ जाती है। जिससे हफ्ते भर बिजली गायब रहती है। सोमवार को हुई बारिश से सुबह से ही बिजली गुल हो गई। और देर शाम तक लोग बिजली आने का इंतजार करते रहे। अवर अभियंता कृष्ण कुमार यादव का कहना है कि आंधी पानी से कई जगह पर विद्युत लाइन में फाल्ट हुआ है। उसका पता लगाया जा रहा है। जल्दी दुरुस्त कर बिजली आपूर्ति बहाल की जाएगी।

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