14 गांवों की क्षमता वाले फीडर से 27 गांव को दी जा रही बिजली

नेवादा विद्युत उपकेंद्र पुरखास से ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति करने वाला तिल्हापुर फीडर अ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 09:52 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 09:52 PM (IST)
14 गांवों की क्षमता वाले फीडर से 27 गांव को दी जा रही बिजली
14 गांवों की क्षमता वाले फीडर से 27 गांव को दी जा रही बिजली

नेवादा : विद्युत उपकेंद्र पुरखास से ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति करने वाला तिल्हापुर फीडर ओवर लोड चल रहा है। 14 गांव की क्षमता वाले इस फीडर से 27 गांव की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में अक्सर ओवर लोड के चलते फीडर के फुंकने व जर्जर तारों के कारण फाल्ट की समस्या बनी रहती है। ग्रामीणों की शिकायत पर विभागीय अधिकारी रटा रटाया जवाब देते हैं कि प्रस्ताव भेज दिया गया है। जल्द समस्या का निदान होगा, लेकिन बढ़ी आबादी व बढ़ रहे लोड की ओर ध्यान न देकर लगातार नए कनेक्शन की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ा रहा है।

चायल तहसील क्षेत्र का तिल्हापुर फीडर से बाजार व ग्रामीण क्षेत्रों की मिली जुली वाली बस्ती में विद्युत आपूर्ति होती है। ऐसे में इस फीडर पर विद्युत का भार अधिक रहता है। फीडर की क्षमता 14 गांव की विद्युत आपूर्ति की है, लेकिन समय के साथ फीडर की क्षमता वृद्धि नहीं हो सकी। धीरे-धीरे इस फीडर से 27 गांव जुड़ गए, लेकिन उपकरण पुराने मानक के ही लगे हैं। ऐसे में यह फीडर ओवर लोड रहता है। फीडर के ओवर लोड रहने के कारण अक्सर फीडर फुंक जाता है। मौसम परिवर्तन के दौरान फीडर का फुंकना तय है। ग्रामीण क्षेत्रों के नलकूप व अन्य प्रतिष्ठान इसी फीडर के सहारे हैं। ओवर लोडिग व जर्जर तारों का न बदला जाना उपभोक्ताओं के लिए समस्या का कारण बना है। फीडर ओवरलोड होने की वजह से ग्रामीणों को रोस्टर के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। हजारी के पूरा गांव निवासी, सुरेश कुमार, प्रेम चंद्र व दीपक ने बताया कि शासन की ओर ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली आपूर्ति का रोस्टर जारी किया गया है। पिछले दो वर्ष से फीडर ओवरलोड है। इसकी वजह से महज दस घंटे बिजली मिलती है। रात व दिन में की जा रही बिजली कटौती से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है।

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इन गांव में होती है आपूर्ति

तिल्हापुर फीडर से धारूपुर, बिगहरा, उमरवल, पिपरहटा, तिल्हापुर, खभरा, भक्तनकापुर, रूसहाई, हजारी का पुरा, किनार, गोबिदपुर, दरहा, चंदूपुर, जवाहरगंज, सुरसेना, सुरसेनी, कुंहारन का पूरा, सेवथा व जवाई समेत 27 गांव को बिजली मिलती है। समय के साथ-साथ गांव में लोगों के बीच विद्युत उपकरण की वृद्धि हुई है, लेकिन फीडर की क्षमता नहीं बढ़ी।

-------- बिजली की समस्या तो अक्सर बनी रहती है। विभाग के लोग समय से बिल की वसूली के लिए भर सक्रिय रहते हैं। यदि लाइन गड़बड़ हो जाए तो फिर इनके चक्कर लगवाना शुरू हो जाता है।

- रमाकांत मिश्रा

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हम सब लगातार ओवरलोड की समस्या से परेशान हैं। कभी- कभी तो लगता है कि कही उपकरण ही न फुंक जाएं। लो वोल्टेज की समस्या होने की वजह से बल्ब की रोशनी काफी धीमी रहती है। इसकी वजह से एलइडी का प्रयोग करना पड़ता है।

भारतलाल

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खेतों के बीच जर्जर तार लगा है। हमेशा डर बना रहता है कि कही तार न टूट जाए। जब भी खेत में पानी लगाते हैं, तो जल्दी ही रहती है कि कही तार टूटा तो बचना मुश्किल है।

- नवनीत

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बिजली की समस्या को लेकर अक्सर गांव का कोई न कोई शिकायत करता रहता है, लेकिन इन शिकायतों को लेकर विभागीय कर्मचारी गंभीर नहीं हैं। अक्सर वह प्रयास करने का हवाला देते हैं, पर उनके प्रयास का असर नहीं दिखता।

- सचिन कुमार फीडर की क्षमता 14 गांव की है। अभी इस फीडर से 27 गांव को बिजली दी जा रही है। लोड अधिक होने के कारण फल्ट की संभावना रहती है। दूसरा फीडर सुरसेनी के नाम से बनाए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। जल्द की बजट मिलने की संभावना है। इसके बाद कार्य शुरू होगा।

- कपिल देव त्रिपाठी, अवर अभियंता पुरखास

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