गंगा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके हुए जलमग्न

उत्तराखंड व प्रदेश के पश्चिमी भाग मे पिछले दिनों चक्रवाती बारिश होने से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पानी का तेज प्रवाह होने से सिराथू तहसील क्षेत्र के कछार में बसे दर्जनों गांवों में पानी पहुंच गया। जिसकी वजह से निचले इलाके के खेत जलमग्न हो गए जिससे बोई गई आलू सरसों व चना की सैकड़ों बीघे फसल बर्बाद हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:31 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:31 PM (IST)
गंगा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके हुए जलमग्न
गंगा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके हुए जलमग्न

संसू, देवीगंज : उत्तराखंड व प्रदेश के पश्चिमी भाग मे पिछले दिनों चक्रवाती बारिश होने से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पानी का तेज प्रवाह होने से सिराथू तहसील क्षेत्र के कछार में बसे दर्जनों गांवों में पानी पहुंच गया। जिसकी वजह से निचले इलाके के खेत जलमग्न हो गए, जिससे बोई गई आलू, सरसों व चना की सैकड़ों बीघे फसल बर्बाद हो गई।

पिछले दिनों भारी बरसात होने के कारण एक सप्ताह से गंगा नदी में पानी लगातार बढ़ रहा है। जिससे इन दिनों नदी उफान पर है। मंगलवार की रात पानी बढ़ने से क्षेत्र के लेहदरी खतीब, अफजलपुर सातों, छोटा टिलवा, कड़ाधाम, गिरधरपुर गढ़ी सहित कछारी क्षेत्र के दर्जनों गांवों में पानी पहुंच गया है, जिससे करीब सौ बीघे खेत जलमग्न हो गये। दर्जनों किसानों की फसल डूब गई। बढ़ते जलस्तर को देखकर कछार क्षेत्र में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है। किसान झल्लर प्रसाद, रामबाबू व केशव कुमार आदि लोगों का कहना है धान की फसल खेतों में तैयार खड़ी है। कटाई का समय चल रहा है, ऐसे में बाढ़ का पानी भर जाने के चलते एक तिहाई फसल बर्बाद हो गई है। पानी में फसल को काट कर नाव व डोंगी के सहारे किनारे पर लाया जा रहा है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए किनारे पर बसे गांव की बस्तियों में पानी पहुंचने का खतरा बना हुआ है। तहसील प्रशासन द्वारा अब तक गांव का दौरा नहीं किया और न ही कोई व्यापक इंतजाम ही कराए गए हैं। किसानों ने जिला प्रशासन से बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिये जाने की मांग की है।

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क्या कहते हैं लोग

बारिश के मौसम के साथ बाढ़ आने का खतरा समाप्त होता देख गंगा के कछार में आलू की फसल बोई थी, लेकिन अचानक फिर से नदी मे बाढ़ आने से खेत में पानी भर गया। जिससे लगाई गई फसल खराब होने से हजारों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

- राम सिंह एकाएक गंगा का पानी बढ़ने की वजह से तराई क्षेत्र में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है। लगातार जल प्रवाह बढ़ता जा रहा है, लेकिन अब तक प्रशासन लोगों की सुधि लेने नहीं पहुंचा है और न ही बाढ़ से बचाव के लिए कोई इंतजाम किया गया है। तेजी से बढ़ रहे जल के प्रवाह से बस्ती में पानी पहुंचने का खतरा बन गया है। - सीता राम

खेतों में धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है। किसान कटाई कर रहे हैं, ऐसे में गंगा का पानी भर जाने की वजह से फसल डूब गई है। बचे कुचे अवशेष को किसी तरीके से नाव के सहारे पानी से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर लाया जा रहा है। - दयाराम

पिछले दिनों चक्रवाती बारिश के चलते तेजी से नदी का जलस्तर बढ़ने से कछारी क्षेत्र में बसे गांवों में पानी भरने का खतरा बन गया है। जिसे लेकर लोगों में दहशत है। खेती चौपट होने की वजह से लोगों का आर्थिक नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा जलमग्न हुई फसल का मूल्यांकन कर किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। - अनिल कुमार -------

क्या कहते हैं अधिकारी गंगा नदी में पानी बढ़ने की चेतावनी कछारी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को देकर अलर्ट रहने को कहा गया था। कछार के खेतों की बर्बाद हुई फसल का आकलन करा कर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। - विनय कुमार गुप्ता, उप जिलाधिकारी सिराथू।

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