अपने से ज्यादा मरीजों की की फिक्र करते हैं डॉक्टर अरुण
जासं कौशंबी डॉक्टरों को धरती का दूसरा भगवान कहा जाता है क्योंकि वह खुद की परवाह
जासं, कौशंबी : डॉक्टरों को धरती का दूसरा भगवान कहा जाता है, क्योंकि वह खुद की परवाह न करते हुए दूसरों की जान बचाते हैं। वैश्विक महामारी कोविड के समय चिकित्सक लोगों की जांच देखभाल व कोरोना को हराने में डटे रहे। डॉक्टरों के इस जज्बे को हर एक शख्स सलाम करता है। लॉकडाउन के समय मरीजों की जांच व देखभाल के साथ मंझनपुर पीएचसी में तैनात चिकित्सक कोरोना योद्धाओं का हौसला बढ़ाने का कार्य किया है।
मंझनपुर निवासी डॉ. अरुण कुमार 2013 से अपनी सेवाएं देनी शुरू कीं। इन्होंने चिकित्सा को व्यापार नहीं मिशन के रूप में सेवाभाव का संकल्प लेकर कर रही हैं। अपने सात वर्षों की सेवा के दौरान पहली बार इस तरह के किसी वैश्विक संक्रमण के दौरान ड्यूटी करने का अवसर मिला। इससे पहले इस तरह के संक्रमण को न तो देखा था न ही सुना था। कोविड संक्रमण के खतरों को जानते हुए भी बिना घबराए, बिना थके जनमानस को इस संकट से उबारने हेतु आज भी जुटे हुए हैं। घर पर पत्नी एवं बच्चों को इस संक्रमण से बचाते हुए अनहोनी से भयभीत पत्नी को समझाकर राष्ट्रसेवा में हमसफर बनने के लिए तैयार किया। डॉक्टर अरुण केसरवानी उपचार करने के साथ साथ इस दौरान गांव गांव जाकर लोगों को इस कोविड-19 से जागरूक करते हुए साफ सफाई हेतु गांव वालों को प्रेरित किया। कोरोना वायरस से पीड़ित होने की आशंका मात्र से जहां लोग अपनों से दूरी बना ले रहे है। वहीं, चिकित्सक अपने सहयोगियों के साथ मरीजों के उपचार, साफ सफाई से लेकर भोजन नाश्ता तक कि जिम्मेदारी संभाले हुए थे। कोरोना को हराने के लिए स्वच्छता जरूरी है। सफाई व्यवस्था में लगे कर्मचारियों का हौसला बढ़ाने के लिए चिकित्सक ने मास्क, सैनिटाइजर व मिठाई देकर उनका हौसला बढ़ाया। चिकित्सक की पहले से गंभीर बीमारी से ठीक हुए बच्चे
कोविड के समय के पहले से ही इन्होंने इसे सेवाभाव का रूप दिया था जिससे मरीज और उनके परिवार के लोग इन्हें धरती के भगवान के रूप में मानते है। दो साल पहले राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उच्च प्राथमिक विद्यालय गुवारा में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गए जहां पर एक बच्ची पूर्णिमा जो कि कक्षा छह में पढ़ती थी उसे क्लब फुट की बीमारी थी जिस कारण उसे चलने फिरने में समस्या होती थी। उसकी समस्या को देखकर डॉक्टर साहब ने उसे पहले जिला अस्पताल में दिखाया वहां से राहत न मिलने पर उन्होंने प्रयागराज में आई लाइफलाइन एक्सप्रेस मेडिकल ट्रेन के डॉक्टर परितोष से मिलकर उसका निशुल्क सफल ऑपरेशन कराते हुए उसे अन्य लोगों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। इसी मंझनपुर के थाम्बा की सीता और गीता अलावलपुर के अंश व जलालपुर के राकेश व टेनशाह आलामाबाद के विनोद के लिए भगवान साबित हुए । जिनके प्रयास से आज ये सभी स्वस्थ है तथा इनके परिवार के लोग डॉक्टर के निशुल्क इलाज व सेवाभाव से अत्यंत प्रसन्न है।