डीएम ने शुरू की पहल, बदलेगी अलवाराझील की सूरत
कौशांबी जनपद की एकलौती अलवारा झील करीब 2100 बीघे में फैली हुई है। इस झील का अपना अल
कौशांबी : जनपद की एकलौती अलवारा झील करीब 2100 बीघे में फैली हुई है। इस झील का अपना अलग महत्व है। सरकार ने वर्ष 2020 में झील के 404.86 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैव विविधता पार्क बनाने की अनुमति दी थी। इसके लिए नौ करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति शासन ने दी थी, लेकिन धन न मिलने की वजह से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। मंगलवार को जिलाधिकारी ने वन विभाग व अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ झील का निरीक्षण किया। डीएम ने स्पष्ट किया कि शासन को पत्र भेजकर धन की मांग करेंगे। इसके अलावा उन्होंने ने खंड विकास अधिकारी व वन क्षेत्राधिकारी को आवश्यक निर्देश भी दिया है।
जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने मंगलवार को अलवाराझील पहुंचे। उन्होंने मंझनपुर के वन क्षेत्राधिकारी अनिल शुक्ला से झील के संबंध में जानकारी लिया। तो रेंजर ने बताया कि 2100 बीघे में झील फैली हुई है। ठंड के मौसम में इस झील में विदेश पक्षी भी आते हैं। कहा कि ऐतिहासिक झील अलवारा में जैव विविधता पार्क करीब 404.86 हेक्टेयर पार्क बनाने के लिए शासन ने मंजूरी दी थी, लेकिन धन नहीं मिला। डीएम ने कहा कि शासन को पत्र भेजकर धन की मांग करेंगे। डीएम ने बीडीओ सरसवां को निर्देश दिया कि झील व नाले की खोदाई मनरेगा से कराई जाए। डीएम ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि झील के चारों ओर पौधारोपण कराया जाए।
दो जोन में बांटा जाएगा जैव विविधिता पार्क
जैव विविधिता पार्क को मुख्यत दो जोन में बांटा जाएगा। विजिटर्स जोन और नेचर कंजरवेशन में अलग-अलग सुविधाएं होंगी। विजिटर्स जोन में नेचर इंटरप्रीटेशन सेंटर, नेचर ट्रायल्स, वाटर बॉडीज, हर्बल गार्डेन, नर्सरी, सेक्रेड ग्रोव, नक्षत्र वाटिका, पंचवटी, नवग्रह वाटिका, रीक्रियेशनल पार्क, आदि होंगे। पंचवटी वाटिका में बेल, बरगद, आंवला, पीपल और अशोक के पेड़ होंगे। जबकि नक्षत्र वाटिका में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से अभी धन नहीं मिला है। पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
जैव विविधता पार्क का निर्माण शुरू कराया जाएगा। जैव विविधता पार्क बन जाने से यहां पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। बडी संख्?या में पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा। पर्यटकों को यह पार्क काफी लुभावना लगेगा।