आवास के नाम पर करोड़ों खर्च, फिर भी उजड़े आशियाने

शहरी तर्ज पर ग्रामीण इलाकों से झोपड़ी मुक्त करने के लिए सरकार हर प्रयास आजमा रही है। हर साल गरीबों को सरकार पक्की छत के लिए धन दे रही हैं। हर ग्राम पंचायत में करोड़ों की धनराशि खर्च भी हुई। इसके बाद भी गरीबों की झोपड़ियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। पात्रता जांच अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 11:00 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 11:00 PM (IST)
आवास के नाम पर करोड़ों खर्च, फिर भी उजड़े आशियाने
आवास के नाम पर करोड़ों खर्च, फिर भी उजड़े आशियाने

कौशांबी। शहरी तर्ज पर ग्रामीण इलाकों से झोपड़ी मुक्त करने के लिए सरकार हर प्रयास आजमा रही है। हर साल गरीबों को सरकार पक्की छत के लिए धन दे रही हैं। हर ग्राम पंचायत में करोड़ों की धनराशि खर्च भी हुई। इसके बाद भी गरीबों की झोपड़ियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। पात्रता जांच अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

मंगलवार से शुरू हुई बारिश ग्रामीण क्षेत्रों में तबाही सी लेकर आई है। लगातार हुई बारिश और सीलन से कच्चे मकानों का गिरने का सिलसिला शुरू हुआ तो थमने का नाम नहीं ले रहा है। इससे गरीबों को गृहस्थी भी नष्ट हो गई। उन्होंने पालीथिन का सहारा लेकर अपना आशियाना बना लिया है। चायल तहसील के कठरा गांव निवासी धर्मपाल विश्वकर्मा पुत्र शारदा प्रसाद विश्वकर्मा का तीन कमरे का पक्का मकान भरभरा शुक्रवार रात गिर गया। जिसमें गेंहू, चावल, आटा, कपड़े आदि समेत हजारों रुपये की गृहस्थी मलबे में दब कर नष्ट हो गया है। गांव के ही नत्थूलाल पुत्र श्यामलाल, दिनेश कुमार मिश्रा पुत्र भुल्लन मिश्रा व केदार पुत्र छेदी लाल निवासीगण कठरा का कच्चा मकान जमींदोज हो गया। जिससे लोगों का जीवन यापन मुश्किल भरा हो गया है। इसी प्रकार कसेंदा गांव के राजेश कुमार पुत्र राधेश्याम, श्याम बिहारी पुत्र हीरालाल, अशोक कुमार पुत्र स्वर्गीय राम अधार यादव, छविलाल पुत्र स्वर्गीय राजा सिंह, मदनलाल पुत्र हीरालाल, अनिल कुमार पुत्र जगन्नाथ व सुमन देवी पत्नी राजेश कुमार का कच्चा मकान बारिश में गिर गया। गांव में हर किसी को पक्का घर मिले। इसके लिए करोड़ों खर्च हुए इसके बाद भी लोगों की स्थिति नहीं सुधरी।

इसी प्रकार सिराथू तहसील क्षेत्र के बिसारा निवासी रामबाबू केसरवानी पुत्र स्व.गंगा प्रसाद का कच्चा घर बारिश में गिर गया। उन्होंने तहसील प्रशासन को इसकी जानकारी देकर मदद मांगी है।

chat bot
आपका साथी