चुनाव चिह्न लेने में कोविड गाइड लाइन का उल्लंघन

कौशांबी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए अफसरों ने कवायद तेज कर दी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 10:09 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 10:09 PM (IST)
चुनाव चिह्न लेने में कोविड गाइड लाइन का उल्लंघन
चुनाव चिह्न लेने में कोविड गाइड लाइन का उल्लंघन

कौशांबी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए अफसरों ने कवायद तेज कर दी है। नामांकन पत्रों की जांच पूरी करने के बाद बुधवार को जिला पंचायत कार्यालय व ब्लाक मुख्यालयों से चुनाव निशान आवंटित किए गए। चुनाव चिह्न की जानकारी लेने के लिए दावेदारों ने सुबह से ही भीड़ लगा दी थी। पूरे दिन जमे रहे। शाम चार बजे जिला पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत सदस्य, प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न दिया गया, लेकिन ब्लाक परिसर भी भीड़ अधिक थी। लोगों ने शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया। कुछ लोग बगैर मास्क के घूमते नजर आए। ऐसे में कोविड गाइड लाइन का उल्लंघन हुआ।

जनपद में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। वायरस की चैन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग लोगों को कोविड की गाइडलाइन का पालन करने के लिए जागरूक कर रहा है, लेकिन चुनावी हलचल में लोग जिदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। बुधवार को जिला पंचायत कार्यालय जिला जिला पंचायत सदस्य पद व ब्लाक मुख्यालयों से प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ने के लिए निशान आवंटन किया गया। ब्लाक मुख्यालयों में एक स्थान में 50 से अधिक लोग एकत्रित थे। शारीरिक दूरी भी नहीं रही। ऐसे में कोरोना वायरस बढ़ने का खतरा और बढ़ रहा है। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

प्रत्याशियों ने तेज किया प्रचार

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बुधवार को प्रत्याशियों के नाम वापस लेने के बाद बाकी बचे प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह का वितरण किया गया चुनाव चिन्ह मिलने के बाद प्रत्याशियों ने उड़ान भर प्रचार प्रसार तेज कर दिया। इस दौरान किसी उम्मीद वार को आरी तो किसी को अलमारी चुनाव चिन्ह मिला। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कार्यक्रम में बुधवार को नामांकन पत्र वापस लेने के बाद शेष बचे जिला पंचायत सदस्य ग्राम प्रधान बीडीसी सदस्य ग्राम पंचायत सदस्यों के प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह का आवंटन किया गया चुनाव चिन्ह मिलने के बाद अपने-अपने समर्थकों को जानकारी देकर क्षेत्र व गांवों में पहुंचकर प्रचार प्रसार तेज कर दिया। उम्मीदवारों को नाम के आधार पर आरी अलमारी, कन्नी, अनाज ओसाता हुआ किसान, किताब, बस, मोटरसाइकिल आदि का चुनाव चिन्ह मिला।

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