ओवरलोड से परेशान गोपसहसा सब स्टेशन के उपभोक्ता
गोपसहसा सब स्टेशन से जुड़ा महिला फीडर ओवरलोड चल रहा है। क्षमता वृद्धि न होने के कारण आए दिन फाल्ट की समस्या बनी रहती है। समस्या को लेकर उपभोक्ताओं ने विभागीय अधिकारियों से निदान की मांग भी की लेकिन समस्या का निवारण नहीं हो सका।
संसू, गुरौली : गोपसहसा सब स्टेशन से जुड़ा महिला फीडर ओवरलोड चल रहा है। क्षमता वृद्धि न होने के कारण आए दिन फाल्ट की समस्या बनी रहती है। समस्या को लेकर उपभोक्ताओं ने विभागीय अधिकारियों से निदान की मांग भी की, लेकिन समस्या का निवारण नहीं हो सका।
गोपसहसा सब स्टेशन क्षेत्र में यमुना की तराई के गांव में विद्युत आपूर्ति होती है। तराई में बसे होने के कारण यहां के लोगों को रात के समय बिजली की जरूरत ज्यादा होती है, लेकिन यहां के लोग फाल्ट के कारण परेशान है। गोपसहसा के महिला फीडर में समस्या कुछ अधिक है। इस फीडर से 20 गांव जुड़े हैं। इनमें दाई का पूरा, बरमबारी, गुरौली, चांदकन, बेरौचा, महिला, सोनवारा, तारा का पूरा, कैलाशपुर, धाना, परभा, ऐगवां, झड़िया का पूरा, जुगराजपुर, लोहकट, कोल्हुआ, चुन्नी का पूरा, भखंदा आदि गांव शामिल है। गांव में बिजली आपूर्ति का हाल बुरा है। निर्धारित रोस्टर से यहां पर बिजली की आपूर्ति नहीं होती। मात्र 14 घंटे की ही आपूर्ति लोगों को मिल पाती है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोग परेशान हो रहे हैं। जो आपूर्ति मिलती भी है, उसमें फाल्ट की समस्या बनी रहती है। प्रति दिन तीन से चार बार कहीं न कहीं लाइन में फाल्ट आता है। जर्जर तार व अव्यवस्था ने उपभोक्ताओं को परेशान कर रखा है।
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बोले ग्रामीण..
जर्जर तारों के कारण बिजली कब चली जाए। इसको लेकर भरोसा नहीं किया जा सकता। हर दिन कहीं न कहीं फाल्ट की समस्या बनी रहती है। इस समस्या को लेकर अब तक कोई निदान नहीं निकाला गया।
- भुल्लन विश्वकर्मा सब स्टेशन में तीन फीडर है, लेकिन सबसे अधिक समस्या महिला फीडर में होती है। यहां के लोगों को कम बिजली के साथ ही फाल्ट की समस्या भी झेलनी पड़ती है।
- रामलौटन
विभागीय अधिकारियों से अपनी समस्याओं को लेकर कई बार कहा गया, लेकिन अधिकारियों ने समस्या दूर करने का आश्वासन ही दिया है। अब तक निदान नहीं हो सका जिससे परेशानी हो रही है।
- कमलेश तिवारी
हम सब को रात में बाधा रहित बिजली कब मिलती है, यह याद ही नहीं है। हर दिन तीन से चार बार बिजली कटना निश्चित है। इसको लेकर विभागीय कर्मचारी भी कुछ जवाब नहीं दे पाते।
- राजबली --------
कुछ सब स्टेशनों में फीडरों की ट्राली फुंकने व लाइन में अधिक फाल्ट होने की जानकारी मिली है। संबंधित जेई की ओर से इसके स्टीमेट भी आए हैं। धन की कमी के कारण अब तक दुरुस्तीकरण का काम शुरू नहीं हो पाया है। इनमें महिला फीडर भी शामिल है।
- एसके श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता।