दावा फेल, 7000 गोवंशीयों को नहीं मिला आश्रय स्थल, बेसहारा मवेशी उजाड़ रहे फसल

सरकार के तमाम दावों के बाद भी जिले के सात हजार से अधिक गोवंशीयों को आश्रय नही मिला। इसकी वजह से वे सड़कों व खेतों में रहे है। बेसहारा मवेशी जहां किसानों की फसल को नष्ट कर रहे हैं। वही हादसों की संख्या बढ़ रही है। इस समस्या के निस्तारण के लिए शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 10:48 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:48 PM (IST)
दावा फेल, 7000 गोवंशीयों को नहीं मिला आश्रय स्थल, बेसहारा मवेशी उजाड़ रहे फसल
दावा फेल, 7000 गोवंशीयों को नहीं मिला आश्रय स्थल, बेसहारा मवेशी उजाड़ रहे फसल

कौशांबी। सरकार के तमाम दावों के बाद भी जिले के सात हजार से अधिक गोवंशीयों को आश्रय नही मिला। इसकी वजह से वे सड़कों , व खेतों में रहे है। बेसहारा मवेशी जहां किसानों की फसल को नष्ट कर रहे हैं। वही हादसों की संख्या बढ़ रही है। इस समस्या के निस्तारण के लिए शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।

शासन से जनवरी 2018 में बेसहारा मवेशियों के संरक्षण के लिए गोशाला बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया था। उसके बाद से जिले में दो वृहद गोरंक्षण केंद्र समेत 69 गोशालाओं का निर्माण कराकर संचालन कर लगभग आठ गोवंशीय का संरक्षण किया जा रहा है। विकास खंड कड़ा के गिरधरपुर गढ़ी व विकास खंड मंझनपुर के कादिराबाद में एक-एक वृहद गोरंक्षण केंद्र बनाए गए है। नगर पालिका भरवारी, करारी, अजुहा व चायल में एक-एक कान्हा गोशाला समेत जिले में अस्थाई गोशाला शामिल हैं। पशुपालन व ग्राम पंचायत की ओर से संचालित किए जाने वाले गोआश्रय स्थलों में समुचित व्यवस्था की बात बत कही जाती है, लेकिन हकीकत कुछ और है। कई गोआश्रय केंद्र बदहाली का शिकार है। गोशालाओं में जगह न होने के कारण पशुपालन विभाग के सर्वे के मुताबिक जनपद में 15170 गोवंशीय हैं, जिसमें 8170 का संरक्षण किया जा सका है। जगह के अभाव में सात हजार मवेशी घूम रहे हैं। विकास खंड सिराथू के उदहिन गांव निवासी रमेश सिंह, पवन कुमार, गंभीरा के संतोष कुमार, जितेंद्र, ओसा के दिनेश चंद्र, कमल आदि किसानों का कहना है कि बेसहारा मवेशी फसल को उजाड़ रहे हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए जिला प्रशासन व जन प्रतिनिधियों से शिकायत की गई थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस बारे में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बीपी पाठक का कहना है कि जनपद के बेसहारा गोवंशीय का संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। दो वृहद गोसंरक्षण केंद्र समेत 14 गोशालाओं का निर्माण जल्द शुरू कराया जाएगा। इसके बाद वही बेसहारा मवेशियों का संरक्षण किया जाएगा।

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