बारिश में भीगे शहर और गांव, कई गलियां जलमग्न

मानसून का आगाज हो गया है। सोमवार को पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। रुक-रुक कर सुबह से ही बारिश होती रही। दोपहर करीब एक बजे तक बूंदाबांदी के बाद मौसम थोड़ा खुला। हल्की धूप दिखी इसके बाद फिर से बादलों ने डेरा जमा लिया। इस दौरान ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अव्यवस्थाओं से लोगों को परेशान होना पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:14 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 10:14 PM (IST)
बारिश में भीगे शहर और गांव, कई गलियां जलमग्न
बारिश में भीगे शहर और गांव, कई गलियां जलमग्न

जासं, कौशांबी : मानसून का आगाज हो गया है। सोमवार को पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। रुक-रुक कर सुबह से ही बारिश होती रही। दोपहर करीब एक बजे तक बूंदाबांदी के बाद मौसम थोड़ा खुला। हल्की धूप दिखी इसके बाद फिर से बादलों ने डेरा जमा लिया। इस दौरान ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अव्यवस्थाओं से लोगों को परेशान होना पड़ा।

मौसम के मिजाज में बीते एक सप्ताह से परिवर्तन दिख रहा था। आसमान में बादल उमड़-घुमड़ रहे थे। हल्की फुल्की बूंदाबंदी के बाद मौसम साफ हो जाता था। सोमवार को अचानक भोर से ही बादल आ गए। करीब चार बजे से ही हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई। सुबह छह बजे तेजी के साथ बारिश शुरू हुई। करीब आधा घंटे तेजी के साथ बारिश होती रही। और इसके बाद बारिश की रफ्तार धीमी हो गई। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। रविवार को जहां तापमान न्यूनतम 35 डिग्री सेल्सियस तो अधिकतम 39 डिग्री रहा वहीं सोमवार को न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तो अधिकतम 35 डिग्री दर्ज किया गया। इसके बाद भी दोपहर एक बजे तक रिमझिम लगा रहा। एक बजे के बाद आसमान खुला और शाम करीब पांच बजे हल्की धूप दिखी। इसके बाद दोबारा बादल छा गए। इन बादलों के चलते जहां मेंथा के किसानों की सांसें थमी रहीं वहीं धान व अन्य फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों में थोड़ी राहत दिखी। जिन किसानों को चरी तैयार करना है उनके माथे पर भी चिता की लकीरें दिखीं। कुल मिलाकर मानसून का आगाज बेहतर रहा। कहीं खुशी रहती तो कहीं बारिश को लेकर निराशा भी दिखी। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जल निकासी की बेहतर सुविधा न होने के कारण सड़कों पर पानी भरा दिखा।

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भरवारी के सोनकर बस्ती में जलजमाव

संसू, भरवारी : नगर पालिका परिषद भरवारी के वार्ड 20 केशव नगर से सटा एक तालाब है। इस तालाब में बस्ती का गंदा पानी आता है। आकार में छोटा होने के कारण नित्य प्रयोग से निकलने वाले पानी से ही तालाब लबालब रहता है। अब बारिश का पानी आया तो पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ गया। इससे सड़क जल मग्न हो गई। सड़क के दोनों ओर बने करीब एक दर्जन घरों को पानी अब बाहर नहीं निकल रहा। ऐसे में घरों का पानी नहीं निकल पा रहा। पानी सड़क पर जमा होने से लोगों को घर से बाहर निकलना कठिन है। मोहल्ले की शर्मिला देवी, बदामुनिशा, जोहरा बेगम, रोशमा बेगम ने बताया कि बरसात का पानी महीनों तक रास्ते में भरा रहता है। यह हल्की बारिश के कारण अभी से सड़क लबालब भर गई है। हल्की बारिश में यह हाल है तो आने वाले दिनों में तो और भी समस्या होगी। इन दिनों गांव की प्रेमा देवी के घर के अंदर बारिश का पानी भरा है। सड़क पर जल जमाव होने के कारण पानी घर से बाहर नहीं निकल पा रहा। कस्बे के लोगों का आरोप है कि नगर पालिका के कर्मचारियों व अधिकारियों को महीनों पहले समस्या से अवगत कराया गया है। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया गया। उन्होंने इस लापरवाही के लिए सीधे नगर पालिका को जिम्मेदार बताया है।

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जमींदोज हो गए घर

संसू, कसेंदा : हर गरीब परिवारों को पक्की छत दिए जाने का दावा केंद्र व राज्य सरकारों कर रही है। इसके बाद भी सभी को अब तक पक्का आवास नहीं मिल सका है। सोमवार की भोर शुरू हुई बारिश से आम लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया। उनकी दैनिक दिनचर्या प्रभावित रही। वहीं विकास खंड नेवादा के अमिरसा गांव निवासी ओमप्रकाश पुत्र स्वर्गीय परसू का घर बारिश के चलते भरभरा कर गिर गया। ओम प्रकाश ने बताया कि वह मजदूरी कर परिवार का गुजर बसर करता है। दो जून की रोटी से जो बचता है। उससे पक्का घर नहीं बना सकता। सोमवार की सुबह बारिश के चलते उनका दो कमरों का कच्चा घर अचानक भरभरा कर गिर गया। हालांकि हादसे में परिवार के लोग सुरक्षित रहे, लेकिन अनाज, कपड़े व मवेशियों का चारा आदि समेत गृहस्थी का अन्य सामान दबकर नष्ट हो गया।

इसी प्रकार पिपरी के खटांगी गांव निवासी किसान बद्री प्रसाद पुत्र स्वर्गीय राजबहादुर का एक कमरे में मकान बारिश के चलते जमीदोज हो गया। पीड़ितों ने इसकी जानकारी तहसील प्रशासन को दी है। सूचना पर पहुंचे राजस्व कर्मियों ने उनको आवासीय सुविधा दिलाए जाने का आश्वासन दिया है।

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सीलन से गिरा पेड़, मकान क्षतिग्रस्त

संसू, कसेंदा : विकास खंड नेवादा के कोटिया (कुंडारी) गांव निवासी तिलक यादव खेती किसानी करते हैं। उनके मकान के पास एक विशाल पीपल का पेड़ लगा हुआ था। करीब सप्ताह भर से रुक रुक कर हो रही बारिश से भूमि में नमी है। सोमवार भोर करीब चार बजे हवा के साथ शुरू हुई बारिश से दरवाजे पर रहा पीपल का पेड़ जमीदोज हो गया। जिसमें तिलक यादव का गेट, बाउंड्री व कमरे का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। बारिश से पहले परिवार के कुछ लोग पीपल के नीचे ही सो रहे थे। बिना पानी गिर हादसा होता तो जानमाल का नुकसान होना तय था।

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नहीं है जल निकासी का इंतजाम

संसू, नारा : सिराथू ब्लाक कार्यालय में जल निकासी के लिए नाली निर्माण न होने से सोमवार की सुबह हुई तेज बरसात से परिसर में लबालब पानी भर गया। इसकी वजह से कर्मचारियों को समस्या का सामना करना पड़ा।

सिराथू ब्लाक परिसर की साज सज्जा, इंटर लाकिग व अन्य कार्य के लिए बीते वर्ष क्षेत्र पंचायत निधि से करीब दो करोड़ रुपये खर्च किया गया। इसके बाद भी परिसर की जल निकासी को लेकर कोई समुचित इन्तजाम नहीं किया गया। इसका परिणाम रहा कि सोमवार को हुई बारिश से ब्लाक परिसर लबालब भर गया। सिराथू ब्लाक परिसर स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय व सीडीपीओ कार्यालय और अधिकारियों के रहने के लिए बने आवास तक पहुंचने में लोगों को परेशानी हुई। जल निकासी के लिए ब्लॉक परिसर में नाली निर्माण कराया गया है, लेकिन परिसर के बाहर नगर पंचायत ने नाला नहीं बनवाया। इसके कारण जल निकासी की समस्या बनी है। आसपास के घरों का पानी भी परिसर में जमा हो जाता है।

- मनीष कुमार यादव, प्रभारी खंड विकास अधिकारी सिराथू

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