चायल में निकाला गया अदब व ऐहतराम से चेहल्लुम का जुलूस
चायल नगर पंचायत कस्बा में सोमवार को चेहल्लुम का जुलूस बड़े ही अकीदत व एहतेराम के साथ निकाला गया। इमामबाड़े से छोटी-बड़ी ताजिया अलम का जुलूस लगभग 11 बजे दोपहर को निकाला गया। जुलूस की शुरुआत शोजख्वानी से की गई। शोजख्वानी के अंजाम को फैजी ने अंजाम दिया।
कौशांबी। चायल नगर पंचायत कस्बा में सोमवार को चेहल्लुम का जुलूस बड़े ही अकीदत व एहतेराम के साथ निकाला गया। इमामबाड़े से छोटी-बड़ी ताजिया, अलम का जुलूस लगभग 11 बजे दोपहर को निकाला गया। जुलूस की शुरुआत शोजख्वानी से की गई। शोजख्वानी के अंजाम को फैजी ने अंजाम दिया।
शोजख्वानी के बाद मजलिस को पढ़ते हुए जाकिर दिलशाद ने कहा कि दो मोहर्रम सन 61 हिजरी को इमाम हुसैन (अ.स) करबला पहुंचे, सात मोहर्रम को पानी बंद हो गया और 10 मोहर्रम को सुबह से शाम तक बुतूल के घर से 72 जनाजे निकल गए। अजादारों कयामत आ गई थी जब फातिमा के घर से एक छह महीने का जनाजा गले पर तीर खाकर निकला था। आखिर में इमाम हुसैन रूखसत हुए और मैदान में पहुंचे। यजीदी फौजों ने घेरे में लेना शुरू किया। गैब से आवाज आई बस हुसैन बस अब सब्र के जौहर दिखाओ, हुसैन ने तलवार को म्यान में रखा। यजीदी लशकर से तीन हजार कमानों से तीर निकले। वक्ते शहादत इमाम का जिस्म न जीन पर था न जमीन पर था तीरों पर मुअल्लक हो गया था। इमाम के मसायब सुनकर अजादार अपनी आंखों से अश्क न रोक पाए और जारो कतार रोने लगे। अंजुमन के साहबे बयाज दाऊद हुसैन ने पढ़ा- उठती है आज मय्यते सुल्ताने करबला, होता है दफन आज शहीदाने करबला। अंजुमन ए गुंचए कासिमिया बख्शी बाजार प्रयागराज के साहब ए बयाज शाहरुख ने अपने मखसूस अंदाज में नौहाख्वानी की। जुलूस अपने कदीमी रास्ते से होते हुए शाम पांच बजे करबला में समाप्त किया गया है।