चायल में कैटल शेड निर्माण हुआ लंबा खेल, कहीं बना नहीं, कहीं अधूरा निर्माण, भुगतान पूरा

किसानों की आय में वृद्धि के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। खेती के साथ ही पशुपालन भी किसान की आय में वृद्धि का माध्यम होता है। किसानों को पशुपालन के लिए प्रेरित करने व उनकी मदद को शासन ने पशुबाड़ा (कैटल शेड) निर्माण की योजना शुरू की। ब्लाक स्तर से पशुपालन का बढ़ावा देने के लिए गरीब परिवार के लोगों को कैटल शेड योजना का लाभ दिया गया लेकिन चायल ब्लाक क्षेत्र में इस योजना ने धरातल में ही दम तोड़ दिया। जिम्मेदारों की लापरवाही से शौचालय योजना की तरह इसमें भी खेल हो गया। बिना बने या फिर आधा अधूरा निर्माण कर धनराशि को ठिकाने लगा दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:48 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:48 PM (IST)
चायल में कैटल शेड निर्माण हुआ लंबा खेल, कहीं बना नहीं, कहीं अधूरा निर्माण, भुगतान पूरा
चायल में कैटल शेड निर्माण हुआ लंबा खेल, कहीं बना नहीं, कहीं अधूरा निर्माण, भुगतान पूरा

कौशांबी। किसानों की आय में वृद्धि के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। खेती के साथ ही पशुपालन भी किसान की आय में वृद्धि का माध्यम होता है। किसानों को पशुपालन के लिए प्रेरित करने व उनकी मदद को शासन ने पशुबाड़ा (कैटल शेड) निर्माण की योजना शुरू की। ब्लाक स्तर से पशुपालन का बढ़ावा देने के लिए गरीब परिवार के लोगों को कैटल शेड योजना का लाभ दिया गया, लेकिन चायल ब्लाक क्षेत्र में इस योजना ने धरातल में ही दम तोड़ दिया। जिम्मेदारों की लापरवाही से शौचालय योजना की तरह इसमें भी खेल हो गया। बिना बने या फिर आधा अधूरा निर्माण कर धनराशि को ठिकाने लगा दिया गया।

चायल ब्लाक क्षेत्र में 28 ग्राम पंचायतें हैं। इन पंचायतों में 80 पशुबाड़े का निर्माण होना है। जिम्मेदारों ने इनके निर्माण में खेल कर दिया। करीब एक लाख दस हजार से लेकर डेढ़ लाख तक की लागत से बनने वाले कैटल शेड निर्माण कराए बिना ही जिम्मेदारों ने अधिकांश लोगों को भुगतान कर दिया। क्षेत्र में करीब 92 लाख 78 हजार 960 रुपये इस योजना के नाम पर खर्च किया जा चुके हैं। जागरण टीम ने चायल ब्लाक क्षेत्र के चक बादशाहपुर व शेखपुर रसूलपुर गांव का स्थलीय सत्यापन किया। चक बादशाहपुर में पांच पशुबाड़े का निर्माण होना था। इनमें से मात्र दो का ही निर्माण हुआ है। इसी प्रकार शेखपुर रसूलपुर गांव में 12 कैटल शेड का निर्माण का भुगतान किया गया है। जिसमें मात्र पांच ही बने हैं। दो का निर्माण मानक के अनुसार नहीं है। ब्लाक क्षेत्र के रतगहा, सिंहपुर, हरदुआ, जलालपुरशाना, चिल्ला शहबाजी, दानीयालपुर, चौराडीह, फरीदपुर सुलेम आदि गांव के किसानों की माने तो सचिव व प्रधान ने मनमाने तरीके से चहेतों को योजना का लाभ दिया है। जबकि इस योजना के जो लोग पात्र थे उनको लाभ ही नहीं मिला। इस संबंध में चायल खंड विकास अधिकारी विजय शंकर त्रिपाठी का कहना है कि कैटल शेड बनाने में गड़बड़ी की गई है। इसकी जानकारी नहीं थी, यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी की गई है तो मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

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