चाइनीज सामानों का बहिष्कार, कुम्हारों में जगी उम्मीद, लोगों को स्वदेशी सामानों का प्रयोग के लिए कर रहे जागरूक

प्रकाश पर्व दीपावली के शुभ अवसर पर दीयों का अलग ही महत्व है। मान्यता है कि मिट्टी का दीपक जलाने से शौर्य और पराक्रम में वृद्धि होती है। साथ ही सुख समृद्धि आती है। लेकिन महंगाई के चलते कुल सालों से दीयों का चलन कम हो गया था लेकिन इस बार चीनी सामानों का बहिष्कार कर अधिकतर लोगों ने मिट्टी के दिये से अपने घरों को रोशन करने का संकल्प लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:50 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 11:50 PM (IST)
चाइनीज सामानों का बहिष्कार, कुम्हारों में जगी उम्मीद, लोगों को स्वदेशी सामानों का प्रयोग के लिए कर रहे जागरूक
चाइनीज सामानों का बहिष्कार, कुम्हारों में जगी उम्मीद, लोगों को स्वदेशी सामानों का प्रयोग के लिए कर रहे जागरूक

कौशांबी। प्रकाश पर्व दीपावली के शुभ अवसर पर दीयों का अलग ही महत्व है। मान्यता है कि मिट्टी का दीपक जलाने से शौर्य और पराक्रम में वृद्धि होती है। साथ ही सुख समृद्धि आती है। लेकिन महंगाई के चलते कुल सालों से दीयों का चलन कम हो गया था, लेकिन इस बार चीनी सामानों का बहिष्कार कर अधिकतर लोगों ने मिट्टी के दिये से अपने घरों को रोशन करने का संकल्प लिया है। इसको लेकर दीपावली में कुम्हारों को ज्यादा बिक्री की उम्मीद है और वह अपने कार्य को गति दे दिया है।

सरसों के तेल से दिया जलाने से पर्यावरण स्वच्छ रहता है। सदियों से हिदू समाज में प्रकाश के पर्व दीपावली पर मिट्टी के दिए पूजने और सजाने की परंपरा रही है, लेकिन कुछ सालों से त्योहारों पर छाई आधुनिकता ने मिट्टी के दीयों की बिक्री को कम कर दिया है। भारतीय बाजारों में चाइनीज झालरों, रंगीन मोमबत्तियों और टिमटिमाते बिजली के दीयों की खपत बढ़ी, तो कुम्हारों के चाक पर मिट्टी से आकार लेते दीयों का निर्माण घटता चला गया। इस बार चाइनीज उत्पादों का बहिष्कार करने का लोगों ने निर्णय ले लिया है। इस संबंध में लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। नगर पालिका मंझनपुर के दुर्गेश गुप्ता, डा. अरुण केसरवानी आदि लोगों ने गुरुवार को मंझनपुर बाजार में भ्रमण कर लोगों को चीनी सामानों का बहिष्कार करने के लिए प्रेरित किया। मुहिम ने एकाएक मिट्टी के दीपक की चमक बढ़ा दी है। पिछले एक महीने से कुल्हड़ों और बड़े दीपक बनाने में जुटे हैं। उम्मीद है कि इस बार दीपावली में मिट्टी के दिये व बर्तन की बिक्री अधिक होगी। मिट्टी के दीये जलाने मंगल व शनि की होती है कृपा

पंडित शिव अभिलाष शुक्ल ने बताया कि मिट्टी का दीपक जलाने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। आचार्य विभव भूषण मिश्रा बताते हैं कि मिट्टी को मंगल ग्रह का प्रतीक माना जाता है मंगल साहस, पराक्रम में वृद्घि करता है और तेल को शनि का प्रतीक माना जाता है। शनि को भाग्य का देवता कहा जाता है। मिट्टी का दीपक जलाने से मंगल और शनि की कृपा आती है। इसके अलावा दीपक जलाने का महत्व उसकी रोशनी के कारण भी है। रोशनी को सुख, समृद्धि, स्फूर्ति का प्रतीक माना जाता है। सरकार की ओर से कुम्हारों के काम को बढ़ावा देने के लिए सरकार ठोस कदम नहीं उठा रही है। बर्तन व दिये बनाने के लिए मिट्टी नहीं मिल पा रही है।

राम सिंह पहले शादी विवाह व अन्य कार्यक्रमों में मिट्टी के बर्तन का प्रयोग होता था। अब फाइबर के पत्तल व दोने का प्रयोग होने लगा है। इससे कारोबार पूरी तरह से चौपट है।

अमर सिंह इस बार चीनी समान के बहिष्कार से इस बार पहले की अपेक्षा दीपावली की अपेक्षा इस बार आर्डर ज्यादा मिले हैं। इस वर्ष अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है।

बृजेश

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