भुजंगासन से दूर होती है ऑक्सीजन की कमी

टेढ़ीमोड़ वैश्विक महामारी कोरोना से वर्तमान समय मे लोगों का मन अशांत व भयग्रस्त रहता है

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:51 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 09:51 PM (IST)
भुजंगासन से दूर होती है ऑक्सीजन की कमी
भुजंगासन से दूर होती है ऑक्सीजन की कमी

टेढ़ीमोड़ : वैश्विक महामारी कोरोना से वर्तमान समय मे लोगों का मन अशांत व भयग्रस्त रहता है। ऐसे में हमें अपने आपको को भयमुक्त व मन को शांत रखने के लिए अपने तन और मन को स्वस्थ व मजबूत बनाने के लिए योग को अपनाना चाहिए। आज हम योग शिक्षक पुष्पराज सिंह से मिलवाते हैं, जो बता रहे हैं कि भुजंगासन एक ऐसा आसन है, जिसे सभी उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं। यह आसन शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने का काम करता है। भुजंगासन सूर्य नमस्कार के 12वें आसन में से आठवां आसन है। भुजंगासन को सर्पासन, कोबरा आसन या सर्प मुद्रा भी कहा जाता है। इस मुद्रा में शरीर सांप की आकृति बनाता हैं।

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करने की विधि

- सर्वप्रथम पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। उसके बाद दोनों हथेलियों को जांघों के पास जमीन की तरफ करके रखें। ध्यान रखें कि आपके टखने एक-दूसरे को छूते रहें।

- इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर लेकर आएं और दोनों हथेलियों को फर्श की तरफ करें।

- इसके बाद शरीर का वजन अपनी हथेलियों पर डालकर सांस अंदर खींचे और अपने सिर को उठाकर पीठ की तरफ खींचे। इस वक्त आप की कोहनी मुड़ी हुई रहे।

- सिर को पीछे की तरफ खींचते हुए छाती को आगे की तरफ निकालें।

- इस स्थिति में करीब 15 से 30 सेकंड तक रहना है। इस दौरान सांस की गति सामान्य रखनी है।

- अभ्यास के इस आसन को दो मिनट तक किया जा सकता है।

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इसका लाभ

- रीढ़ की हड्डी में मजबूती और लचीलापन बढ़ता है।

- पेट के निचले हिस्से में मौजूद सभी अंगों के काम करने की क्षमता बढ़ती है।

- टेंशन दूर होती है। डिप्रेशन में फायदा मिलता है।

- फेफड़ों और हार्ट की नसों के ब्लॉकेज खोलने में मदद मिलती है।

---- अहम बातें

- इस आसन का अभ्यास खाली पेट करना चाहिए।

- भोजन आसन करने के चार घंटे बाद ही करना चाहिए।

- इस आसन का सही समय सुबह का होता है।

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