हैरत की बात, कौशांबी के भेलखा गांव का नक्शा गायब, नहीं हो पा रही चकबंदी व भूमि भी असुरक्षित

जिला मुख्यालय मंझनपुर से महज चार किलोमीटर की दूरी पर बसे भेलखा गांव में चकबंदी कराने के लिए वर्ष 2016-17 में अधिसूचना जारी कर दी गई थी। तहसील के रिकार्ड रूम में नक्शा न होने के कारण एसडीएम चकबंदी विभाग को फसली वर्ष 1320 बंदोबस्त नहीं उपलब्ध करा सके।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 02:20 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 02:20 PM (IST)
हैरत की बात, कौशांबी के भेलखा गांव का नक्शा गायब, नहीं हो पा रही चकबंदी व भूमि भी असुरक्षित
कौशांबी जनपद के मंझनपुर तहसील के पास भेलखा गांव का नक्‍शा ही नहीं है।

कौशांबी, जेएनएन। यूपी के कौशांबी जिले में मंझनपुर तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत भेलखा में चकबंदी कराने के निर्देश शासन ने पांच वर्ष पूर्व दिया था। राजस्व विभाग के पास गांव का नक्शा नहीं है। इसकी वजह से ग्राम पंचायत की चकबंदी नहीं हो पा रही है। चकबंदी सहायक ने कई बार तहसील व जिला प्रशासन से नक्शा उपलब्ध कराने की मांग किया लेकिन नक्शा नहीं मिल सका। चकबंदी न होने से खलिहान व आवास निर्माण के लिए भूमि सुरक्षित नहीं हो पा रही है।

तहसील के रिकार्ड रूम में नक्‍शा नहीं मिला

जिला मुख्यालय मंझनपुर से महज चार किलोमीटर की दूरी पर बसे भेलखा गांव में चकबंदी कराने के लिए वर्ष 2016-17 में अधिसूचना जारी कर दी गई थी। अधिसूचना जारी होने के बाद चकबंदी कराने की अधिकारियों ने तैयारी शुरू किया। सहायक चकबंदी अधिकारी प्रताप बहादुर ने मंझनपुर एसडीएम से ग्राम पंचायत भेलखा का नक्शा मांगा। तहसील के रिकार्ड रूम में नक्शा न होने के कारण एसडीएम चकबंदी विभाग को फसली वर्ष 1320 बंदोबस्त नहीं उपलब्ध करा सके। इसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी से ग्राम पंचायत के नक्शे की मांग किया।

कलेक्ट्रेट के रिकार्ड रूम में भी नक्शा नहीं मिला। नक्शा न मिल पाने के कारण अधिसूचना जारी होने के पांच सात बाद भी ग्राम पंचायत में चकबंदी का नहीं शुरू हो सका है।

चकबंदी से होता है फायदा

सहायक चकबंदी अधिकारी प्रताप बहादुर ने बताया कि चकबंदी के नाम पर अक्सर ग्रामीण परेशान हो जाते हैं लेकिन चकबंदी के बाद खेती करना आसान हो जाती है। साथ ही अन्य तरीके की सुविधा भी मिलती है। कहा कि चकबंदी के दौरान सभी खेतों तक जाने के लिए रास्ते की सुविधा मिल जाती है। इसके अलावा गांव में सार्वजनिक हित के काम जैसे स्कूल, अस्पताल, खेल का मैदान, श्मशान, सामुदायिक भवन आदि के लिए जमीन मुहैया हो जाती है। सभी चकदारों को उनके चक अलग नाप कर दे दिए जाते हैं। इससे पहले से चल रहे जमीन के विवाद भी तुरंत निपट जाते हैं। पहले से दबंगों के द्वारा पट्टे की भूमि पर किए गए कब्जे छूट जाते हैं। इसी वजह से दबंग किस्म के लोग गरीब लोगों की नासमझी का फायदा उठा उन्हें उकसाकर चकबंदी न होने के लिए दबाव बनाते रहते हैं।

बोले, मंझनपुर के एसडीएम

मंझनपुर के एसडीएम राजेश कुमार श्रीवास्‍तव ने कहा कि भेलखा गांव में चकबंदी कराने के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी। चकबंदी विभाग ने ग्राम पंचायत का नक्शा मांगा था। नक्शा तहसील व जिले के रिकार्ड रूम में नहीं है। इस वजह से चकबंदी नहीं हो पा रही है। अब राजस्व परिषद से नक्शा मांगा गया है।

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