कलाकारों ने दी पौराणिक कथाओं एवं सामाजिक कहानियों की प्रस्तुति

तहसील क्षेत्र के पहाड़पुर सुधवर गांव में शुक्रवार को कला चौपाल के तहत चलो गांव की ओर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रयागराज उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों ने चंद्रराम दिवाकर के घर के सामने महिलाओं के ढेड़िया त्योहार आधारित परंपरागत गीत गाया गया। कार्यक्रम की प्रस्तुति एवं निर्देशन अशोक रसिया ने किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 11:57 PM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 11:57 PM (IST)
कलाकारों ने दी पौराणिक कथाओं एवं सामाजिक कहानियों की प्रस्तुति
कलाकारों ने दी पौराणिक कथाओं एवं सामाजिक कहानियों की प्रस्तुति

चायल : तहसील क्षेत्र के पहाड़पुर सुधवर गांव में शुक्रवार को कला चौपाल के तहत चलो गांव की ओर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रयागराज उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के कलाकारों ने चंद्रराम दिवाकर के घर के सामने महिलाओं के ढेड़िया त्योहार आधारित परंपरागत गीत गाया गया। कार्यक्रम की प्रस्तुति एवं निर्देशन अशोक रसिया ने किया।

लोक कला सदा से ही हमारे समाज का अभिन्न अंग रहा है। लोक कला के माध्यम से कलाकारों ने हमेशा पौराणिक कथाओं एवं सामाजिक कहानियों की प्रस्तुति कर प्रदर्शित करते हैं। ढेड़ीया त्योहार के माध्यम से आज भी कहीं कहीं महिलाएं पारंपरिक रीति रिवाजों को आने वाली पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से औगत करा रहीं है। शुक्रवार को चायल के पहाड़पुर सुधवर गांव में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक के माध्यम से सांसारिक, मौलिक साधनों को परिलक्षित करते हुए ढेड़ीया गीत गाया। बिट्टन दिवाकर, राजरानी, कलावती, रेखा दिवाकर, रीता देवी, बसंती देवी, सुग्गन देवी, सुमित्रा, निर्मला, ममता, और सुखरानी आदि कलाकारों ने परंपरागत गीत गाकर ग्रामीणों को विलुप्त होती कला को बचाने का आह्वाहन किया। वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति में मुंशी लाल सोनकर, गगन सोनकर, श्याम बाबू, कल्लू ने करतार व ढोलक वाद्ययंत्रो से श्रोताओं को भाव विभोर कर मनमोह लिया। इस मौके पर अतिथि प्राध्यापक के रूप में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिदी विश्वविद्यालय वर्धा सहायक प्रोफेसर नरेंद्र दिवाकर, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के कार्यक्रम अधिकारी मधुकांत मिश्र, कृष्ण मोहन द्विवेदी, कार्यक्रम समन्वयक विवेक रंजन, सत्य प्रकाश, कमलेश कुमार, सचिन दिवाकर समेत इलाके के सैकड़ों श्रोतागण मौजूद रहे

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