तीन साल बाद डीएनए रिपोर्ट ने खोला शिवसागर की हत्या का राज, चार गिरफ्तार

सराय अकिल थाना क्षेत्र के अमिरसा गांव से बाजार जाते समय शिवसागर का अपहरण कर हत्या किए जाने का राज तीन साल बाद बुधवार को फाश किया गया। गांव के ही चार लोगों ने मामूली विवाद में किशोर पर चापड़ से हमले के बाद तेजाब से शरीर को झुलसा दिया था। बाद में उसके शव को पूरामुफ्ती में फेंका था। डीएनए रिपोर्ट में शिवसागर के शव की शिनाख्त होने के बाद आरोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने बुधवार को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेजा गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:52 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:53 PM (IST)
तीन साल बाद डीएनए रिपोर्ट ने खोला शिवसागर की हत्या का राज, चार गिरफ्तार
तीन साल बाद डीएनए रिपोर्ट ने खोला शिवसागर की हत्या का राज, चार गिरफ्तार

कौशांबी। सराय अकिल थाना क्षेत्र के अमिरसा गांव से बाजार जाते समय शिवसागर का अपहरण कर हत्या किए जाने का राज तीन साल बाद बुधवार को फाश किया गया। गांव के ही चार लोगों ने मामूली विवाद में किशोर पर चापड़ से हमले के बाद तेजाब से शरीर को झुलसा दिया था। बाद में उसके शव को पूरामुफ्ती में फेंका था। डीएनए रिपोर्ट में शिवसागर के शव की शिनाख्त होने के बाद आरोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने बुधवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेजा गया।

अमिरसा निवासी मोहनलाल का 13 वर्षीय बेटा शिवसागर 29 सितंबर 2018 को साइकिल से बाजार के लिए निकला। इस बीच उसका अपहरण कर लिया गया। देर शाम तक घर न पहुंचने पर मोहनलाल ने बेटे की खोजबीन की। इसके बाद थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया। यही नहीं, मोहनलाल ने गांव के ही संजय पांडेय, महेंद्र सिंह, मूलचंद्र व अंकित यादव पर अपहरण की आशंका भी जाहिर की। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर ही रही थी कि पूरामुफ्ती इलाके में एक किशोर का शव क्षत-विक्षत हालत में पड़ा मिला। उसकी धारदार हथियार से हत्या के बाद तेजाब से शव को जलाया गया था। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं मामला सुर्खियों में आने के बाद मोहनलाल ने कपड़ों से शव की शिनाख्त अपने बेटे शिवसागर के रूप में तो की, लेकिन चेहरा बुरी तरह झुलसा होने के कारण वह पूरी तरह से संतुष्ट नहीं था। इस पर तत्कालीन एसपी प्रदीप गुप्ता मोहनलाल व शव के डीएनए को सुरक्षित कराते हुए जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा। वर्तमान पुलिस अधीक्षक राधेश्याम ने बताया कि बीते 15 सितंबर को डीएनए रिपोर्ट आई तो पता चला कि शव शिवसागर का ही है। इस पर पुलिस संदेह के दायरे में पहले से रहे संजय पांडेय व उसके तीनों साथियों को हिरासत में लिया। पूछताछ में चारों ने जुर्म कबूल कर लिया। उनकी निशानदेही पर इंस्पेक्टर सराय अकिल भुवनेश चौबे ने हत्या में प्रयुक्त चापड़ व मृतक की साइकिल बरामद की। पकड़े गए आरोपित संजय, महेंद्र, मूलचंद्र व अंकित निवासी अमिरसा के खिलाफ कार्रवाई की गई। आरोपितों ने बताया कि अपहरण के कुछ दिन पहले शिवसागर से मामूली कहासुनी हुई थी। इसी बात को लेकर उन्होंने घटना को अंजाम दिया। बहरहाल बुधवार को पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कांफ्रेंस में राजफाश किया। इसके बाद आरोपितों को जेल भेजवाया गया।

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