गारंटर के पेंच में फंस गया 304 गरीबों का ऋण
कौशांबी शहरी क्षेत्र के गरीब परिवार के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार
कौशांबी : शहरी क्षेत्र के गरीब परिवार के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकार 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देकर उनके रोजगार को बढ़ाना चाहती है। इसके लिए जिले की नगर पालिका व नगर पंचायतों में पटरी पर दुकान लगाने वालों को चिह्नित किया गया। उनसे आवेदन लेकर ऋण दिलाने की योजना थी, लेकिन 304 लोगों को अब तक योजना का लाभ नहीं मिल सका। जबकि, उनकी ओर से औपचारिकता पूरी कर ली गई। बैंक गारंटर न होने व अन्य किसी ने किसी कारण से उनको ऋण उपलब्ध नहीं करा रहा। ऐसे में योजना परवान नहीं चढ़ रही।
कोरोना संक्रमण के दौरान देश की अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी थी। इसे पटरी पर लाने और गरीब परिवार के लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने वेंडर योजना शुरू की। इस योजना से शहरी क्षेत्रों में सड़क किनारे पटरियों पर बैठकर या फिर ठेले में दुकान सजाने वालों के साथ ही ऐसे लोग जो छोटा-मोटा काम करते हैं, उनके रोजगार को इस योजना से बढ़ावा मिलेगा। गरीब दुकानदार नगर पंचायत में अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ऋण पाने के हकदार हो जाते थे। जिले के नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्र के 1887 लोगों ने कार्यालय पहुंचकर आवेदन किया। इसके अलावा 4225 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया। विभाग ने प्राथमिक जांच के बाद 2687 लोगों को योजना का पात्र पाया। इसके बाद इनसे जरूरी दस्तावेजों की मांग की गई। छटनी के बाद 2338 लोगों को योजना का पात्र पाया गया। नगर पालिका व नगर पंचायतों की ओर से सभी दस्तावेज तैयार कर ऋण के लिए संबंधित बैंक को भेज दिया। बैंक ने 304 लोगों के आवेदन पर आपत्ति लगा दी। इन आवेदकों की फाइल इस वजह से रोक दी गई कि गारंटर नहीं है। जबकि जिले में 3500 लोगों को योजना का लाभ दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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सभी लोगों के आवेदन पत्र नगर पंचायत व नगर पालिका से स्वीकृत कर बैंक को भेज दिया गया है। बैंकों ने अपने स्तर पर इनके आवेदन रोक रखा है, जानकारी मिली है। यह मामला डीएम के संज्ञान में लाया जाएगा।
- कामरान अहमद, मिशन प्रबंधक डूडा