28 लोगों की मौत, फिर भी आंकड़ेबाजी

कसेंदा चायल तहसील के तिल्हापुर गांव में एक माह के अंदर खांसी बुखार पेट दर्द उल्टी स

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 09:48 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 09:48 PM (IST)
28 लोगों की मौत, फिर भी आंकड़ेबाजी
28 लोगों की मौत, फिर भी आंकड़ेबाजी

कसेंदा : चायल तहसील के तिल्हापुर गांव में एक माह के अंदर खांसी, बुखार, पेट दर्द, उल्टी, सांस की तकलीफ से 28 लोगों की मौत हो चुकी है। जिससे ग्रामीण काफी सहमे हुए हैं। वहीं ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जांच के नाम पर कागजी कोरम पूरा करने आई स्वास्थ्य टीम ने गुरुवार को 28 लोगों के मौत के आंकड़ों को छिपाते हुए महज 14 मौत की ही रिपोर्ट तैयार की है। वहीं दर्जनों ग्रामीणों का इलाज निजी अस्पतालों व क्लीनिक में अभी भी जारी है। गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जलजमाव की स्थिति में लोग संक्रमण की आशंका में भी दहशतजदा हैं।

विकास खंड नेवादा के तिल्हापुर गांव निवासी सूर्य नारायण मिश्र, हीरालाल, शिवलखन सिंह, इंद्रशेन सिंह ने इन दिनों खुद को अपने घरों में कैद कर लिया है। उनका कहना है कि गांव के साथ ही रुसहाई, खभरा व भक्तन का पुरवा मजरों समेत कुल आबादी आठ हजार के करीब है। यहां छह हजार मतदाता हैं। इनके बीच केवल दो सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि सफाई कर्मचारी अपने काम को सही तरीके से नहीं करते। इसके चलते गांव की गलियों में गंदगी पसरी है। नालियां बजबजा रही हैं। रास्तों में भी जल भराव की स्थिति बनी है। ऐसे में गांव में मच्छरों का प्रकोप है। गंदगी व दूषित पानी से गांव के करीब 100 लोग तेज बुखार, पेट दर्द, सर्दी, खांसी आदि बीमारियों से ग्रसित हो गए। इसका परिणाम रहा कि गांव के 28 लोगों की इन संक्रमणों के चलते मौत हो गई। मामला प्रशासन तक पहुंचा तो गांव में गुरुवार को स्वास्थ्य कर्मियों की टीम पहुंची। चंद लोगों की जांच करते हुए केवल कोरम पूरा किया गया। इसके बाद टीम वापस लौट गई। साथ ही दर्जन भर लोगों के मौत का ही आंकड़ा तैयार किया। अफसरों के आंकड़ों के आगे ग्रामीणों का दावा फेल होता नजर आ रहा है। बीमारी की मार झेल रहे गांव में नहीं की गई फॉगिग

संसू, कसेंदा : विकास खंड नेवादा के तिल्हापुर गांव के रुसहाई, भगतपुरा खभरा मजरों में सर्दी, खांसी, बुखार, पेट दर्द, उल्टी आदि की बीमारी फैली हुई है। जिसमें तिल्हापुर में ज्यादातर लोगों बीमार हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई लोग बाहर रहते थे। गांव लौटते ही बीमार हुए और मौत हो गई। इसी प्रकार गांव निवासी मनोज की माता सरोजा देवी की मौत हुई। उसके आंसू सूखे भी नहीं थे कि साथ रह रहे मामा महेंद्र कुमार पांडेय की भी मौत हो गई। अलग-अलग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रामीणों की मौत हो रही है, लेकिन अभी तक गांव साफ सफाई का न तो कोई विशेष अभियान चलाया गया और न ही अभी तक गांव में फॉगिग कराई गई है।

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स्वास्थ्य परीक्षण कराने से कतरा रहे ग्रामीण

संसू, कसेंदा : चायल एसडीएम ज्योति मौर्या ने बताया कि गुरुवार को विकास खंड नेवादा के तिल्हापुर गांव में कैंप लगाया गया था। इसमें डाक्टरों की टीम लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और रोगियों को जरूरत के हिसाब से निश्शुल्क दवा दी जा रही थी। इस बीच लोगों से जांच की अपील की गई, लेकिन कुछ लोग ही जांच के लिए आए। अधिकतर लोग बीमार होने के बाद भी जांच कराने से कतरा रहे हैं। ऐसे में कितने बीमार है कहना कठिन है।

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गांव में कैंप लगाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है। मौत व बीमारी से ग्रसित लोगों की रिपोर्ट मिली है। दवा के छिड़काव व सफाई व्यवस्था के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।

- अमित कुमार सिंह, जिलाधिकारी।

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