मानकों को ताक पर रखकर कर खर्च कर दिए 20 करोड़ रुपये

विकास खंड कौशांबी क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्यों में जमकर धांधली की गई। जिम्मेदारों ने शासन की गाइडलाइन को दरकिनार कर करीब 20 करोड़ का काम ब्लाक क्षेत्र के विभिन्न गांवों में करा दिया। काम की गुणवत्ता को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। मनरेगा से बनी नाली व इंटरलाकिग एक साल में ही ध्वस्त हो गई। समतलीकरण के नाम पर थोड़ा बहुत काम कराकर बड़े पैमाने पर धनराशि निकालने का आरोप है। तालाबों की खोदाई के दौरान भी गड़बड़ी की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:30 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:30 PM (IST)
मानकों को ताक पर रखकर कर खर्च कर दिए 20 करोड़ रुपये
मानकों को ताक पर रखकर कर खर्च कर दिए 20 करोड़ रुपये

कौशांबी : विकास खंड कौशांबी क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्यों में जमकर धांधली की गई। जिम्मेदारों ने शासन की गाइडलाइन को दरकिनार कर करीब 20 करोड़ का काम ब्लाक क्षेत्र के विभिन्न गांवों में करा दिया। काम की गुणवत्ता को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। मनरेगा से बनी नाली व इंटरलाकिग एक साल में ही ध्वस्त हो गई। समतलीकरण के नाम पर थोड़ा बहुत काम कराकर बड़े पैमाने पर धनराशि निकालने का आरोप है। तालाबों की खोदाई के दौरान भी गड़बड़ी की गई है।

कौशांबी ब्लाक क्षेत्र में 57 ग्राम पंचायतें हैं। इन गांव में वर्ष 2020-21 में 20 करोड़ रुपये का काम मनरेगा से कराया गया है। इन कार्यों में मानकों की अनदेखी की गई है। करीब सात करोड़ 22 लाख रुपये का पक्का काम कराया गया है। इन कामों में भी भारी गड़बड़ी हुई है। पक्के काम के नाम पर गांव में नाली, खड़जा व अन्य निर्माण कराया गया है। इनकी हालत बेहतर नहीं है। नाली व इंटरलाकिग सालभर के भीतर ही टूटनी शुरू हो गई। उदाहरण के रूप में कायमपुर को लिया जाए तो यहां पर पांच कार्यों के लिए करीब 17 लाख की सामग्री खरीदी गई। ग्रामीणों का आरोप है कि जिम्मेदारों ने ऐसी सामाग्री खरीदी और निर्माण कराया जो एक साल के अंदर ही नष्ट होने लगा। गांव में अयोध्या प्रसाद की माने तो राजू के घर से बलराज के घर तक एक अगस्त 2020 को इंटरलाकिग व नाली का निर्माण कराया गया था। नाली टूटने लगी और इंटरलाकिग उखड़ चुकी है। मनचाही ग्राम पंचायतों में खर्च कर दिया धन

मनरेगा के कार्यों में जरूरी है कि 60/40 के अनुपात में काम कराया जाए। इसका मतलब है कि यदि 100 रुपये का काम कराया जाना है तो इसमें 60 रुपये का कच्चा और 40 रुपये का पक्का कार्य कराया जाए। इस अनुपात को लेकर भी जिम्मेदारों ने खेल किया है। चहेती ग्राम पंचायतों में पक्का काम अधिक कराया गया जबकि अन्य स्थानों पर कच्चे कार्य को कराते हुए अनुपात को बराबर कर दिया गया। जबकि इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर अनुपात बनाया जाना चाहिए था।

------

छह ग्राम पंचायत में नहीं हुआ काम

कौशांबी ब्लाक क्षेत्र की आठ ग्राम पंचायतों में मानक के अनुसार काम नहीं कराया गया। जबकि छह ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत कोई कार्य ही नहीं हुआ। अन्य ग्राम पंचायतों में काम कराते हुए ब्लाक स्तर पर कोरम पूरा कर लिया। स्थानीय लोगों की माने तो मनरेगा के कार्य में भारी मात्रा में कमीशन चला। छह ग्राम पंचायत समझौते के लिए तैयार नहीं हुई। इस लिए यहां पर पक्का काम ही नहीं हुआ। दूसरे-दूसरे गांव में काम कराते हुए ब्लाक का कोटा पूरा कर दिया गया।

--------

इन गांव में नहीं हुआ गाइडलाइन का पालन

गांव श्रम पर खर्च सामग्री में खर्च

अर्का फतेहपुर 9.87 लाख 13.16 लाख

अतरसुइया 16.19 लाख 15.97 लाख

बजहा खुर्रमपुर 12.42 लाख 27.23 लाख

बिरौचा 44.98 लाख 56.61 लाख

गोहरा मारूफपुर 15.18 लाख 20.79 लाख

गोपसहसा 5.97 लाख 5.96 लाख

मढ़ी 34.39 लाख 30.37 लाख

सचवारा 6.76 लाख 18.24 लाख

--------

विकास खंड कौशांबी की ग्राम पंचायतों में पिछले वर्ष मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों में यदि गड़बड़ी की गई है तो मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा। टीम के सदस्यों की रिपोर्ट के आधार पर गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शशिकांत त्रिपाठी, सीडीओ

chat bot
आपका साथी