10 दिन बाद रेलवे क्रासिग से आवागमन शुरू, लोगों को राहत

दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर सिराथू तहसील के सुजातपुर रेलवे क्रासिग के पास नई रेल लाइन बिछाने के कारण 16 नवंबर से 10 दिन के लिए रास्ते को बंद कर दिया गया था। लोगों को इसके कारण दिक्कत हो रही थी। उन्हें चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा था। गुरुवार को रेलवे फाटक पर चल रहा काम पूरा हो गया तो शुक्रवार को सुबह 10 बजे वहां से आवागमन शुरू हो गया। इससे लोगों को काफी राहत मिली। उन्हें घूमना नहीं पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 11:21 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 11:21 PM (IST)
10 दिन बाद रेलवे क्रासिग से आवागमन शुरू, लोगों को राहत
10 दिन बाद रेलवे क्रासिग से आवागमन शुरू, लोगों को राहत

टेढ़ीमोड़ : दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर सिराथू तहसील के सुजातपुर रेलवे क्रासिग के पास नई रेल लाइन बिछाने के कारण 16 नवंबर से 10 दिन के लिए रास्ते को बंद कर दिया गया था। लोगों को इसके कारण दिक्कत हो रही थी। उन्हें चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा था। गुरुवार को रेलवे फाटक पर चल रहा काम पूरा हो गया तो शुक्रवार को सुबह 10 बजे वहां से आवागमन शुरू हो गया। इससे लोगों को काफी राहत मिली। उन्हें घूमना नहीं पड़ा।

सुजातपुर रेलवे क्रासिग बंद होने की वजह से लोगों को 15 से 20 किलोमीटर घूम कर जाना पड़ रहा था, जिससे लोगों को आर्थिक व समय दोनों की क्षति हो रही थी। क्रासिग बंद होने से लोगों को हो रही परेशानी की खबर को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। क्रासिग के पास नई रेल लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण होने पर 27 नवंबर यानि शुक्रवार को पुन: आवागमन चालू कर दिया गया। क्रासिग से आवागमन शुरू होने पर क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि आसपास के गांव के लोगों को क्रासिग के इस पार से दूसरी पार जाने में लंबा चक्कर काटना पड़ता था। लोगों के बोल..

सुजातपुर रेलवे क्रासिग बंद होने पर 10 दिन बड़ी मुश्किल से कटे। वैस में यहां से मंझनपुर आने-जाने में मात्र 15 मिनट लगते हैं। सयारां से घूमकर जाने में एक घंटा का समय लगता था और कई किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता था।

-संजय केसरवानी, गुलामीपुर हमें अपनी दुकान खोलने के लिए प्रतिदिन समदा जाना होता था। सुजातपुर क्रासिग खुली होने पर मात्र 15 मिनट में पहुंच जाते थे, क्योंकि घर से सिर्फ 10 किमी की दूरी थी। क्रासिग बंद होने पर 20 किमी ज्यादा घूमकर जाने पर समय व धन दोनों अधिक देना पड़ता था।

-प्रवीण त्रिपाठी, बमरौली सुजातपुर क्रासिग खुली होने से आवागमन सुलभ था, लेकिन इसके बंद रहने से काफी समस्याएं उठानी पड़ती थी। इससे जाने से समय व धन दोनों की बचत होती थी । बंद होने पर ऑफिस पहुंचने के लिए एक घंटे पहले घर से निकलना पड़ता था।

-निर्भय जायसवाल, शहजादपुर

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