शहर के लेकर कस्बों तक जमकर बरसे बदरा, हुआ जलभराव

कासगंज संवाद सहयोगी गुरुवार को दोपहर बाद जिलेभर में बारिश हुई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:52 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:52 AM (IST)
शहर के लेकर कस्बों तक जमकर बरसे बदरा, हुआ जलभराव
शहर के लेकर कस्बों तक जमकर बरसे बदरा, हुआ जलभराव

कासगंज, संवाद सहयोगी : गुरुवार को दोपहर बाद जिलेभर में बारिश हुई। शहर से लेकर कस्बों तक बाजारों और बस्तियों में जलभराव हुआ। इससे निकायों की ड्रेनेज व्यवस्था की पोल खुल गई।

बीते तीन दिनों से आसमान पर बादल घुमड़-घुमड़ कर आ रहे थे। बारिश नहीं हो रही थी। सुबह भी सूर्यदेव निकले और अपना तेज बिखेरा तो मौसम में गर्मी हो गई। दोपहर एक बजे अचानक सूर्यदेव बादलों की कोख में जा घुसे। देखते ही देखते ठंडी हवाएं चलनी लगीं। आसमान पर काली घटाएं घिर आईं और फिर तेज बारिश हुई। शहर के अलावा कस्बा सोरो, सहावर, अमांपुर, सिढ़पुरा पटियाली, गंजडुंडवारा, बिलराम सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगभग एक से डेढ़ घंटे तक तेज बारिश हुई। शहर में बारिश से कई निचली बस्तियों में जलभराव हो गया। शहर के कासगंज-अतरौली मार्ग, बिलराम गेट बजार, गली बारियान एवं लवकुशनगर में जलभराव हो गया। बस्तियों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सोरों के बाजारों में जलभराव होने से पालिका की ड्रेनेज व्यवस्था की भी कलई खुल गई। यह रहा तापमान

अधिकतम : 36 डिग्री सेल्सियस

न्यूनतम : 26 डिग्री सेल्सियस मक्का भीगने से किसानों को नुकसान

खेतों में इन दिनों मक्का की कटाई अंतिम चरण में चल रही है। गुरुवार को भी तमाम किसानों ने मक्का काटने के बाद उसे निकाल कर खेतों में ही डाल रखा था। जब आसमान पर बादल छाए तो किसान मक्का को सुरक्षित स्थान पर ले जा पाते उससे पहले ही तेज बारिश हो गई। खेतों एवं घरों की छतों पर खुले में पड़ी किसानों की लाखों रुपये की मक्का भीग गई। धान की पौध लगा रहे किसानों को फायदा

इन दिनों जिले में खाली खेतों में किसान धान की पौध लगा रहा है। पौध लगाने के लिए पानी की जरूरत होती है। इस बारिश से पौध लगा रहे किसानों को फायदा हुआ है। उनका एक पानी का पैसा बचा है। कृषि विशेषज्ञ राजकुमार सिंह कहते हैं कि बारिश से अभी किसी भी फसल को नुकसान नहीं है। विषम परिस्थितियों से निपटने को रहें तैयार

संवाद सहयोगी, कासगंज : कलक्ट्रेट सभाकक्ष में गुरुवार शाम बाढ़ नियंत्रण को लेकर बैठक हुई। डीएम ने बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा की। सिचाई विभाग को तटबंधों की मरम्मत शीघ्र पूरी करने एवं अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।

डीएम सीपी सिंह ने कहा कि गंगा नदी में बाढ़ आने की स्थिति में प्रभावित लोगों के लिए भोजन, पानी तथा पशुओं के लिए चारे एवं टीकाकरण की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जाए। हैंडपंपों के आसपास सफाई रहे तथा कीटनाशक का छिड़काव कराया जाए, जिससे संक्रामक रोग एवं अन्य बीमारी न पनपने पाएं। स्वास्थ्य टीमें बना ली जाएं। आवश्यक दवाइयों और इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए। डीएम ने कहा कि गंगा तट के सभी बंधों का स्थलीय निरीक्षण कर कटान तथा दरार रोकने के लिए मरम्मतीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाए। बाढ़ से बचाव के लिए जीओ बैग्स एवं अन्य सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाए। बाढ़ चौकियां तथा नावों एवं नाविकों की सूची, क्षेत्र के ट्रैक्टर मालिकों का विवरण उपलब्ध रखें। सीडीओ तेज प्रताप मिश्र, एडीएम एके श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता सिचाई अरुण कुमार सहित संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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