पशुपालकों को नहीं है पशु चिकित्सालय की सुविधा

पटियाली संवाद सूत्र पटियाली तहसील क्षेत्र में गंगा के किनारे बसी पांच ग्राम पंचायतों के लगभग तीन दर्जन गांव ऐसे हैं जहां के पशुपालकों को पशु चिकित्सालय की सुविधा नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 05:58 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 05:58 AM (IST)
पशुपालकों को नहीं है पशु चिकित्सालय की सुविधा
पशुपालकों को नहीं है पशु चिकित्सालय की सुविधा

पटियाली, संवाद सूत्र: पटियाली तहसील क्षेत्र में गंगा के किनारे बसी पांच ग्राम पंचायतों के लगभग तीन दर्जन गांव ऐसे हैं, जहां के पशुपालकों को पशु चिकित्सालय की सुविधा नहीं है। 25 से 30 किलोमीटर दूर उन्हें पशु के उपचार एवं गर्भाधान के लिए गंजडुंडवारा एवं पटियाली जाना पड़ता है। यातायात की भी बेहतर सुविधा न होने के कारण यहां के ग्रामीण पास के जिला बदायूं के कादर चौक एवं उसैत जाते हैं। इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

गंगा की कटरी की ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में किसान और पशुपालक हैं। किसान दूध एवं कृषि कार्य के लिए पशु पालते हैं। इन पशुपालकों के लिए उस समय संकट खड़ा हो जाता है जब पशु रोगग्रस्त हो जाते हैं। उनके उपचार के लिए पशुपालकों को गंजडुंडवारा, पटियाली जाना पड़ता है। इसके लिए उन्हें 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। उस समय पशुपालक और अधिक परेशान हो जाते हैं, जब वह पशुओं को लेकर पटियाली और गंजडुंडवारा पशुचिकित्सालय पर पहुंचते है और वहां चिकित्सक नहीं मिलते। मजबूरन यहां के पशुपालक पास के जिला बदायूं के कादरचौक और उसैत जाते हैं। यह हैं ग्राम पंचायतें

हिम्मतपुर बझेरा, कादरगंज खाम, रामताल, चोली फलुआबाद, कादरगंज रामताल। आस-पास कहीं भी कोई पशु चिकित्सालय नहीं है। बीमार पशुओं के उपचार में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

- रहमत अली, पशुपालक नगला मुक्ता कटरी क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा है, न बैंक शाखा है न चिकित्सालय और न ही पशुचिकित्सालय। यहां के लोग जनसुविधाओं से वंचित हैं।

- रामदास, पशुपालक नगला टिकुरिया

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