सरकारी भूमि बताकर मंदिर शिफ्ट कराने पहुंची प्रशासन की टीम
शहर के नदरई गेट माल गोदाम चौराहे पर मंदिर को हटाने पहुंची राज
संवाद सहयोगी, कासगंज: शहर के नदरई गेट माल गोदाम चौराहे पर मंदिर को हटाने पहुंची राजस्व विभाग की टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध कर रहे परिवार ने भूमि को अपनी बताते हुए प्रशासन द्वारा जबरन कब्जा किए जाने का आरोप लगाया। उच्च न्यायालय में वाद लंबित होने की जानकारी पर टीम वापस लौट गयी।
फोर-लेन निर्माण के लिए शहर में कई मंदिरों को शिफ्ट किया गया है। शहर के माल गोदाम चौराहे स्थित शनि मंदिर को भी शिफ्ट किया जाना था। जिसके लिए प्रशासन ने केनरा बैंक के निकट एक परिसर में बने मंदिर की भूमि का चयन किया था। बुधवार को एसडीएम ललित कुमार एवं तहसीलदार अजय कुमार के नेतृत्व में राजस्व विभाग एवं नगर पालिका की टीम यहां पहुंच गई। जब इसकी जानकारी निजी संपत्ति बता रहे आशीष को मिली तो वह भी परिवार के साथ वहां पहुंच गए। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया। प्रशासन ने जमीन को सरकारी बताया जबकि आशीष ने इस संबंध में फर्द, खतौनी में अपनी नामजदी दिखाई। आशीष ने इस मामले में उच्च न्यायालय में वाद लंबित होने और 25 फरवरी को इसकी सुनवाई होने के प्रपत्र भी अधिकारियों को दिखाए। मामला न्यायालय में होने के कारण पहुंची टीम वापस बैरंग लौट गई।
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जिस भूमि पर प्रशासन मंदिर शिफ्ट करना चाह रहा है, वह हमारी निजी संपत्ति है। राजस्व अभिलेख, फर्द, खतौनी में नाम है। प्रशासन गलत तरीके से दबाब बना रहा है। जबकि इस संबंध में उच्च न्यायालय में वाद लंबित है। जिसकी सुनवाई 25 फरवरी को है। - आशीष कुमार, दावाकर्ता
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अभिलेखों में भूमि पूरी तरह सरकारी संपत्ति है। फोरलेन के लिए मंदिर शिफ्ट किया जाना है। अनावश्यक विवाद किया जा रहा है। मामले का निस्तारण कराया जाएगा।
- अजय कुमार यादव तहसीलदार कासगंज