दीपावली को लेकर मूर्तियां, झालरों से झिलमिला रहा बाजार

लोग चाइनीज झालरों को खरीदने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इस कारण दीपक और मोमबत्ती की बिक्री बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 06:47 AM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 06:47 AM (IST)
दीपावली को लेकर मूर्तियां, झालरों से झिलमिला रहा बाजार
दीपावली को लेकर मूर्तियां, झालरों से झिलमिला रहा बाजार

कासगंज, संवाद सहयोगी। दीपावली पर्व पर पूजा अर्चना के लिए भगवान की मूर्तियों और रोशनी के लिए झालरों से बाजार चमक रहे हैं। स्थायी दुकानों के अलावा दर्जनों अस्थायी दुकानें सज गई हैं। रंगोली के रंग की भी दुकानें सजी हैं। इस बार लोगों ने चाइनीज झालरों से गुरेज किया है। मिट्टी के दीये और मोमबत्ती की बिक्री बढ़ी है।

दीपावली पर्व को लेकर बाजारों की रौनक चरम पर है। शहर के मुख्य एवं उप बाजारों में मूर्ति और विद्युत चलित झालरों एवं साज-सज्जा की सामग्री की सैकड़ों दुकानें सजी हैं। इन पर जमकर खरीदारी हो रही है। इस बार घरों को रोशन करने के लिए लोग देशी झालरों को खरीद रहे हैं। जबकि बाजार में चाइना की पुरानी झालरों का स्टाक है, लेकिन लोगों का इनकी ओर रुझान कम है। देशी झालर महंगी होने के बावजूद भी इनकी बिक्री बढ़ी है। गुरुवार को लोगों ने बाजारों में जा कर पूजा के लिए भगवान की मूर्तियां, विद्युत झालर, दीये और मोमबत्ती की खरीदारी की। बीते कई वर्षों के बाद इस वर्ष मिट्टी के दीये और मोमबत्ती की बिक्री बढ़ी है।

पूजा को खरीद रहे मिट्टी की मूर्तियां

बाजार में प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्तियों के साथ साथ मिट्टी की मूर्तियां भी बिक्री के लिए मौजूद है। प्लास्टर आफ पैरिस से बनी मूर्तियों से मिट्टी से बनी मूर्तियां महंगी हैं। इसके बावजूद भी लोग भगवान की पूजा के लिए मिट्टी की मूर्तियों की खरीदारी कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि मिट्टी विशुद्ध होती है।

गुलजार है गांधी मूर्ति का अस्थाई बाजार

शहर के गांधी मूर्ति पर प्रतिवर्ष दीपावली पर्व अस्थाई बाजार सजता है। इस बाजार में दीपावली की पूजा सामग्री, साज-सज्जा की सामग्री, मिट्टी के दीये की दुकानें सजती हैं। इस बार यह बाजार सबसे अधिक गुलजार है। यहां सुबह से लेकर देर रात खरीदारों की भीड़ रहती है। मुख्य बाजार से मिलने वाली समाग्री से अपेक्षाकृत सस्ती भी रहती है। जगमगाने लगी इमारतें, घरों में हुई पूजा

पांच दिवसीय दीपावली पर्व गुरुवार को धनतेरस के साथ शुरू हुआ। रोशनी के इस पर्व पर लोगों ने घरों को रोशन किया। विद्युत चलित झालरों और फूलों से घर और इमारतों को सजाया। शाम होते ही तमाम बस्तियों में इमारतें रोशनी से जगमगा उठी। लोगों ने घरों में भगवान की कुबेर की पूजा की। वहीं आयुर्वेदिक दवा विक्रेता एवं निर्माताओं ने भगवान धन्वंतरि का जन्मदिन मनाया। उमा आयुर्वेदिक फार्मसी, रूठो फार्मसी, मुक्ति फार्माक्युटिकल्स सहित शहर के विभिन्न दवा निर्माताओं के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर आयुर्वेदिक के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा कर जनमानस के स्वास्थ्य और कल्याण की कामना की गई।

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