पुरोहितों ने भी मिलाया तीर्थस्थल बनाने के आंदोलन में अपना स्वर

सोरों संवाद सूत्र तीर्थस्थल का दर्जा देने की मांग को लेकर इन दिनों आंदोलन चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 05:25 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 05:25 AM (IST)
पुरोहितों ने भी मिलाया तीर्थस्थल बनाने के आंदोलन में अपना स्वर
पुरोहितों ने भी मिलाया तीर्थस्थल बनाने के आंदोलन में अपना स्वर

सोरों, संवाद सूत्र: तीर्थस्थल का दर्जा देने की मांग को लेकर इन दिनों आंदोलन चल रहा है। इनमें यहां के पुराहितों ने भी अपना स्वर मिलाया है। प्रदेश सरकार से तीर्थस्थल घोषित करने की मांग की है। कई राज्यों के यजमानों का यहां से नाता है। वे प्रतिवर्ष यहां विभिन्न पर्वो पर पहुंचकर अनुष्ठानों में सम्मलित होते हैं।

देश की राष्ट्रपति रही प्रतिभा पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई, सचिन पायलट, कलराज मिश्र, राजनाथ सिंह एवं ग्वालियर का सिघिया परिवार एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के परिवार सूकर क्षेत्र सोरों के पुरोहितों के यजमान हैं। यहां इनका आवागमन बना रहता है। पुरोहितों सहित सभी निवासियों के रोजगार का साधन बने हुए हैं। अस्थि विसर्जन, तर्पण, पूर्वजों के श्राद्ध आदि कर्मकांड हरिपदी गंगा घाट पर किए जाते हैं। देश की महान हस्तियों के परिवारों से जुड़े लोग प्रतिवर्ष यहां पहुंचकर अनुष्ठान करते हैं। ऐसे आदि तीर्थ को सरकारी तौर पर तीर्थस्थल घोषित न करना सरकारों की उपेक्षा रही है। सोरों को तीर्थस्थल बनाने की मांग को लेकर पुरोहितों ने भी आंदोलन में अपना स्वर मिलाया है। पुराणों में सोरों आदि तीर्थ है। यहां की मान्यता कई राज्यों तक फैल हुई है। राजा दिग्विजय सिंह यहां के पैतृक यजमान हैं। प्रतिवर्ष इनके परिवार का कोई न कोई यहां पहुंचकर भगवान वराह का आशीर्वाद प्राप्त करता है। सोरों को तीर्थ स्थल बनाना आवश्यक है।

- राम वल्लभ सोती, पुरोहित

राजस्थान की कई रियासत यहां की यजमान हैं। राजाओं के वंशज अभी भी हरिपदी गंगा में स्नान करने एवं भगवान वराह के दर्शन को पहुंचते हैं। मेवाड़ रियासत के गुरू होने के नाते सभी धार्मिक अनुष्ठान मुझ से कराते हैं। ऐसे महत्वपूर्ण स्थल को तीर्थस्थल का दर्जा देना चाहिए।

- राधा-कृष्ण विजय तिवारी, पुरोहित देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की वंशावली सोरों से जुड़ी हुई है। उनके परिवारिक सभी कर्मकांड हरिपदी गंगा घाट पर ही पूरे कराए जाते हैं। वराह भगवान की मोक्ष स्थली होने के नाते यहां की मान्यता देश के कई प्रदेशों में है। इसे बावजूद भी तीर्थस्थल घोषित न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

- हरिओम पचौरी, पुरोहित प्रदेश की योगी सरकार में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा यहां के यजमानों में शामिल हैं। इनके परिवार का आवागमन बना रहता है। इसके बाद भी तीर्थस्थल की घोषणा न होना चिताजनक है। उन्हें सोरों की इस मांग को लेकर पहल करनी चाहिए।

- भोला चौधरी, पुरोहित

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