पटाखा कारोबार पर मंदी, थोक विक्रेताओं ने किया स्टाक

कोरोना संक्रमण और महंगाई का प्रभाव दिख रहा है। फुटकर कारोबारी भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Nov 2020 06:54 AM (IST) Updated:Mon, 09 Nov 2020 06:54 AM (IST)
पटाखा कारोबार पर मंदी, थोक विक्रेताओं ने किया स्टाक
पटाखा कारोबार पर मंदी, थोक विक्रेताओं ने किया स्टाक

कासगंज, संवाद सहयोगी। कोरोना संक्रमण और महंगाई से पटाखे का कारोबार मंदा दिखाई दे रहा है। पटाखा के थोक विक्रेताओं के यहां स्टाक की भरमार है। खरीदार कम नजर आ रहे हैं। बीते वर्ष की सापेक्ष मात्र 60 फीसद कारोबार होता नजर आ रहा है।

शहर में पटाखे की मंदी है। कई बड़े कारोबारियों के यहां से बरेली, बदायूं, मैनपुरी, आगरा, अलीगढ़, हाथरस और तमाम शहरों में पटाखा जाता है। प्रतिवर्ष करोड़ों का कारोबार होता है। गत-वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष पटाखे पर 20 से 25 फीसद तक महंगाई है। अब दीपावली पर्व में मात्र छह दिन शेष रहे गए हैं, लेकिन अभी तक पटाखे की बिक्री ने जोर नहीं पकड़ा है। बाहर के कारोबारियों ने खरीद की है, लेकिन स्थानीय पटाखा विक्रेता खरीदारी में रुचि नहीं ले रहे हैं। इससे पटाखे का कारोबार प्रभावित होता नजर आ रहा है। लाइसेंस प्रक्रिया जटिल होने और शहर की बजाए बाहरी क्षेत्रों बिक्री के लिए लाइसेंस दिए जाते हैं। इस कारण रुझान कम हुआ है और इस वर्ष तो पटाखा महंगा बहुत है।

राजेंद्र, फुटकर पटाखा विक्रेता दिल्ली में पटाखे पर बैन लग जाने के बाद यह आशंका रही कि कहीं प्रदेश में भी पटाखे को प्रतिबंधित न कर दिया जाए। इसलिए कारोबार करने का मन नहीं बनाया। बाजार भी मंदा दिखाई दे रहा है।

ललित, फुटकर पटाखा विक्रेता दीपावली से पांच दिन पूर्व स्टाक का 70 फीसद माल बिक जाता था। शेष माल दो तीन दिन बिकता था, लेकिन इस बार गत वर्ष के सापेक्ष में 40 फीसद माल बिका है। 60 से 65 फीसद ही कारोबार होने की उम्मीद है।

अभिषेक थोक पटाखा कारोबारी

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