सोरों को तीर्थ नगरी का दर्जा देने की उठी मांग, अधिकारियों को दिया ज्ञापन

सोरों संवाद सूत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी सूकर क्षेत्र सोरों को तीर्थ स्थल का दर्जा देने की मांग फिर से उठी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 05:34 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 05:34 AM (IST)
सोरों को तीर्थ नगरी का दर्जा देने की उठी मांग, अधिकारियों को दिया ज्ञापन
सोरों को तीर्थ नगरी का दर्जा देने की उठी मांग, अधिकारियों को दिया ज्ञापन

सोरों, संवाद सूत्र: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी सूकर क्षेत्र सोरों को तीर्थ स्थल का दर्जा देने की मांग फिर से उठी है। सूकर क्षेत्र संयुक्त विकास मोर्चा ने पीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। पूर्व में भी मांग को लेकर आंदोलन हो चुके हैं। इसके बाद भी अभी तक सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की है। इसके लेकर स्थानीय लोगों और समाजसेवी संगठनों में खासा आक्रोश है।

भगवान विष्णु के तीसरे अवतार वराह भगवान की मोक्ष स्थली धार्मिक नगरी सूकर क्षेत्र सोरों में महाकवि संत तुलसीदास का जन्म भी हुआ था। पुराणों के अनुसार पूरे विश्व के तीर्थ स्थलों में सोरों का स्थान जौ के बराबर श्रेष्ठ है। सरकारों एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते सोरों को तीर्थ स्थल का दर्जा नहीं मिला है। जबकि इस संबंध में स्थानीय लोग लगातार मांग कर रहे हैं। पूर्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह ने घोषणा भी की थी लेकिन उनकी घोषणा कागजों में ही दबकर रह गई। सूकर क्षेत्र संयुक्त विकास मोर्चा ने एक बार फिर से सोरों को तीर्थ नगरी घोषित करने की मांग को लेकर एसडीएम रमाकांत वर्मा को ज्ञापन सौंपा। सीएम एवं पीएम को संबोधित ज्ञापन में तीर्थ नगरी की मांग के लिए क्रमवार आंदोलन जारी रखने का भी एलान किया है। पोस्टकार्ड अभियान से लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल एवं आमरण अनशन तक किया जाएगा। पूर्व चेयरमैन कैलाश चंद्र कटोर, भूपेश शर्मा, मोहन कसनावत, श्याम दीक्षित, कपिल पंडित, शैलेंद्र महेरे, गोविद महेरे, राधेश्याम, सीताराम तिवारी, कपिल पंडित, अशोक पांडेय, कन्हैया महेरे मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी