जिला पंचायत के चुनाव में सपा का रहा दबदबा

कासगंज संवाद सहयोगी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी जिले में नंबर एक पार्टी के रूप में उभर कर आई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 05:46 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 05:46 AM (IST)
जिला पंचायत के चुनाव में सपा का रहा दबदबा
जिला पंचायत के चुनाव में सपा का रहा दबदबा

कासगंज, संवाद सहयोगी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी जिले में नंबर एक पार्टी के रूप में उभर कर आई है। इसका दबदबा कायम रहा है। सपा को 11 सीटें मिली है। सत्तारूढ़ भाजपा को उम्मीद से कम आंकड़े पर ही सब्र करना पड़ा है। वहीं बसपा ने चार जिला पंचायत सदस्य पदों पर अपना परचम लहरा कर अपना अस्तित्व कायम रखा है।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य पद के 23 वाडरें में सपा ने 11 सीट हासिल कर अपना दबदबा बरकरार रखा है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आंकड़ों पर गौर किया जाए तो समाजवादी पार्टी ने सीटों की संख्या पूरी कर ली है। समाजवादी खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई है। जबकि भारतीय जनता पार्टी सत्तारूढ़ होने के बावजूद भी महज पांच सीटों पर ही सिमट कर रह गई है। इससे स्पष्ट हो गया है कि भाजपा के कार्यकलापों का जनता पर कोई खासा प्रभाव नहीं पड़ा है। जिसके चलते भाजपा का दायरा सिमट गया है। बसपा अपनी रफ्तार पकड़े हुए है। चार सीटों पर चुनाव जीतकर जिले में अपना अस्तित्व बरकरार रखते हुए अपनी सक्रियता का अहसास करा दिया है। भाजपा खेमे में परिणाम के बाद खलबली मच गई है। नेता हार के कारणों को लेकर मंथन करने में जुट गए है। हार जीत का आंकड़ा लगाया जा रहा है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर काफी चितित है। दबी जुबान से हार के लिए एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों को मिली शिकस्त

संवाद सहयोगी, कासगंज : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों को शिकस्त मिली है। सपा जिलाध्यक्ष सहित पूर्व विधायक की पुत्री को हार का सामना करना पड़ा। सिढ़पुरा के पूर्व पालिकाध्यक्ष के भतीजे की बहू भी अध्यक्ष पद की दावेदार थीं, वह भी चुनाव हार गईं।

जिले की 23 जिला पंचायत सदस्य पद के लिए विभिन्न राजनैतिक दलों की ओर से समर्थित प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहे। सपा एवं भाजपा के समर्थन से कई वार्डों में ऐसे प्रत्याशी थे जो जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। इनमें सपा के जिलाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद देवेंद्र सिंह यादव ने वार्ड संख्या पांच से चुनाव लड़ा। इन्होंने जिले की अन्य सीटों पर परिवार से जुड़े कई लोगों को चुनाव मैदान में उतारा। पत्नी सीमा यादव भी वार्ड संख्या चार से चुनाव लड़ीं। लेकिन जनता ने इनका साथ नहीं दिया, और हार का सामना करना पड़ा। वार्ड नंबर दो से पूर्व सांसद की पुत्री तनु यादव एवं धेवते समर्थ यादव ने विजयश्री हासिल की है। भाजपा के समर्थन से चुनाव मैदान में वार्ड संख्या दो से उतरी पूर्व विधायक रज्जन पाल सिंह की पुत्री अनुप्रिया चौहान को भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद का दावेदार बताया जा रहा था। लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया। यहीं नहीं सिढ़पुरा की पूर्व चैयरमैन कामिनी गुप्ता की भतीजी बहू वंदना गुप्ता भी हार गई हैं। जिला पंचायत सदस्य पद पर विजयी हुए प्रत्याशियों की सूची

वार्ड संख्या विजयी प्रत्याशी दल

एक अभय प्रताप निर्दलीय

दो तनु यादव सपा

तीन शिवानी सपा

चार सितारा कश्यप भाजपा

पांच आराम सिंह भाजपा

छह सोनूवाला बसपा

सात मुरसलीन अख्तर बसपा

आठ पूनम शाक्य सपा

नौ ऊषा देवी सपा

10 शाहरुख राज सपा

11 कमल सिंह निर्दलीय

12 रतनेश कश्यप बसपा

13 अवनीश कुमार बसपा

14 हरिओम वर्मा भाजपा

15 भावना राजपूत भाजपा

16 शीला देवी सपा

17 जितेंद्र यादव सपा

18 समर्थ यादव सपा

19 सचिन यादव सपा

20 विकास यादव सपा

21 हेमलता राना भाजपा

22 देवेंद्र राजपूत सपा

23 कालीचरण बाबा निर्दलीय

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