नेहा की हठ ने परिवार से करा दी जरूरमंदों की सेवा
परिवार में यदि बालक हठ पर आ जाए तो स्वजनों को मजबूरन वही कार्य कर
संवाद सहयोगी, कासगंज : परिवार में यदि बालक हठ पर आ जाए तो स्वजनों को मजबूरन वही कार्य करना पड़ता है। लाकडाउन में एकता एजूकेशन सोसायटी के सचिव की बेटी ने गरीबों के हालात देखे तो जिद पर अड़ गई। स्वजनों से कहकर खाद्यान्न के पैकेट तैयार कराए और रात के अंधेरे में गरीब घरों में जाकर बंद पड़े चूल्हे जलवाए। यहीं नहीं संस्था की ओर से संचालित विद्यालय में अध्ययनरत शिक्षार्थियों की फीस भी माफ करा दी।
पिछले वर्ष जब लाकडाउन लगा तो गरीबों के घरों में चूल्हे जलने के लाले पड़ गए। परिवार में छोटे बच्चे खाने पीने के लिए आस पड़ोस के लोगों का मुंह ताकने लगे। इसका अहसास जब शहर के गंदा नाला निवासी सोसायटी के सचिव जहीर अहमद की बेटी नेहा को हुआ तो उसने स्वजनों को अल्लाह का वास्ता देकर गरीबों की मदद करने के लिए प्रेरित किया। वह जिद पर अड़ गई। फिर क्या था बाजार से सामान एकत्रित होने लगा। घर में नेहा उसकी मां आरिफा बेगम ने दाल, चावल, आटा, सब्जी, मसाले, चाय की पत्ती, चीनी, तेल सहित अन्य सामग्री के पैकेट तैयार किए। गंदा नाला, मुहल्ला मोहन की वाल्मीकि बस्ती, गली अंतराम, गली गद्दियान, घेर खरगी, पड़ाव मुंशीलाल सहित आसपास के क्षेत्र में गरीबों को चिन्हित कर उनके घरों में रातों रात खाद्य सामग्री के पैकेट पहुंचाना प्रारंभ कर दिया। संस्था के सचिव जहीर अहमद ने अपनी बेटी के कहने पर इस्लामिया स्कूल में अध्ययनरत 150 विद्यार्थियों की लाकडाउन समय की फीस भी माफ कर दी। उन्होंने पीड़ितों की यथासंभव मदद अपने परिवार के लोगों से करायी।