कर्तव्य की ''''साधना'''' ने पहुंचाई प्रवासियों को सहूलियत

मुसीबत से घिरे परेशान लोगों का दर्द कोई समझने वाला है तो वह है नार

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 05:31 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 05:31 AM (IST)
कर्तव्य की ''''साधना'''' ने पहुंचाई प्रवासियों को सहूलियत
कर्तव्य की ''''साधना'''' ने पहुंचाई प्रवासियों को सहूलियत

संवाद सहयोगी, कासगंज: मुसीबत से घिरे परेशान लोगों का दर्द कोई समझने वाला है तो वह है नारी। जो दूसरों का दर्द बांटने के लिए हमेशा ही आगे आती दिखाई दी हैं। ऐसी ही महिला हैं साधना तिवारी। जिन्होंने लाकडाउन के दौरान प्रवासियों का दर्द बांटा। भूखे प्यासे प्रवासियों के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई तो पति के साथ मिलकर फलों का वितरण कराया। घर में रहकर स्वयं खाद्यान्न के पैकेट तैयार किए। उनका सेवाभाव एक मिसाल है।

शहर के आवास विकास कालोनी निवासी इंजीनियर अमित तिवारी की पत्नी साधना तिवारी अपने मधुर व्यवहार के लिए जानी जाती हैं। पिछले साल जब लाकडाउन लगा था तो सड़कों पर सन्नाटा था, लेकिन प्रवासी तेज धूप में भी कदम आगे बढ़ा रहे थे। कोई भूखा था तो कोई प्यासा। किसी के बच्चे बिलख रहे थे। तब भी दर्द के साथ कदम आगे बढ़ रहे थे। उस समय जब साधना ने प्रवासियों के इस दर्द को समझा तो फिर दर्द बांटने का संकल्प ले लिया। वैसे तो उनके पति अमित तिवारी ने प्रवासियों के लिए रसोई चलाई। उनकी पत्नी साधना ने फलों का वितरण कराया। बिस्किट और सूखी खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराई। पूरे लाकडाउन के दौरान उन्होंने अपने घर पर ही रसोई चलाकर प्रवासियों की सेवा को हाथ आगे बढ़ाए।

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देख रही थी टीवी तब सामने आया दर्द

प्रवासियों की सेवा करने वाली साधना तिवारी कहती हैं कि लाकडाउन में बंदी थी। टीवी पर देख रही थी कि मजदूर किस तरह परेशान हैं। फिर अपने पति से चर्चा कर मन बनाया कि किस तरह इन प्रवासियों के दर्द को बांटा जा सकता है। उसके बाद पति के साथ मिलकर प्रवासियों की सेवा के लिए हाथ आगे बढ़ाए।

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