ब्राह्मण बंधुओं ने घरों में रहकर मनाई भगवान परशुराम की जयंती
कासगंज संवाद सहयोगी भगवान परशुराम की जयंती ब्राह्मण बंधुओं ने मनाई।
कासगंज, संवाद सहयोगी : भगवान परशुराम की जयंती ब्राह्मण बंधुओं ने मनाई। सोरों और कासगंज में घरों में रहकर भगवान परशुराम की पूजा की गई। शहर के बड़ी होली स्थित परशुराम मंदिर पर समाज के बंधुओं ने शारीरिक दूरी का पालन कर आरती उतारी।
शहर के बड़ी होली स्थित परशुराम मंदिर पर प्रतिवर्ष की इस तरह वर्ष भव्य कार्यक्रम नहीं हुआ। लाकडाउन के नियमों का पालन करते हुए समाज के बंधुओं ने भगवान परशुराम की जयंती मनाई। शारीरिक दूरी के साथ आरती उतारी और प्रसाद वितरित किया गया। योगेश चंद्र गौड़, डा. नवीन गौड़, अनिल मिश्रा, देवेंद्र शर्मा, अजय दीक्षित सहित समाज के बंधु मौजूद रहे।
धार्मिक नगरी सोरों में भी अधिकांश समाज बंधुओं ने घरों में रहकर भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना की। हरिपदी गंगा घाट स्थित परशुराम मंदिर पर ब्राह्मण कल्याण सभा द्वारा पूजन किया गया। शरद कुमार पांडेय, विवेकानंद, पंडित नरेश, हरिओम पचौरी, गोपाल उपाध्याय, शिवा दुबे, हरिओम पचौरी, शिवबेंदेल, संजय, राहुल वशिष्ठ, अनुज तिवारी, नितिन पचौरी, सोनू दीक्षित मौजूद रहे। अक्षय तृतीया पर लाकडाउन ने बिगाड़ी शादी समारोह की रौनक
संवाद सहयोगी, कासगंज : अक्षय तृतीया को सहालगों का महा पर्व कहा जाता है, लेकिन इस बार लाकडाउन के चलते सहालगों की भी धूम नहीं रही। कार्यक्रम हुए भी तो उनमें सिर्फ रस्म अदायगी की गई। कार्यक्रमों में भीड़ दिखाई नहीं दी। बैंडबाजा और डीजे की धुन भी कम सुनाई दी।
शुक्रवार को अक्षय तृतीया पर्व मनाया गया। सहालगों के इस महापर्व पर हमेशा जिले भर में 200 से 300 तक शादियां होती थीं, लेकिन इस बार लाकडाउन और कोरोना की पाबंदियों के चलते लोगों ने पहले से ही कम शादियां निकलवाईं और जो भी कार्यक्रम हुए वह फीके रहे। शहर में कई धर्मशाला, मैरिज होम खाली पड़े रहे। जिले में जो भी कार्यक्रम हुए उन पर संक्रमण का ग्रहण दिखाई दिया। आयोजकों ने व्यवस्थाएं तो की थीं, लेकिन कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग कम थे। भीड़भाड़ दिखाई नहीं दी। शादी की रस्म अदायगी की गई। सड़कों पर एक दो बारात ही चढ़ती दिखाई दी। उनमें भी अधिक लोग नहीं थे। मैरिज होम से भी देर रात तक डीजे की गूंज सुनाई नहीं दी।