परंपरागत तरीके से मनाया गया लोहड़ी पर्व

सिख समाज द्वारा लोहड़ी पर्व बुधवार को परंपरागत तरीके से मनाया गया। घरों

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 05:04 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 05:04 AM (IST)
परंपरागत तरीके से मनाया गया लोहड़ी पर्व
परंपरागत तरीके से मनाया गया लोहड़ी पर्व

संवाद सहयोगी, कासगंज: सिख समाज द्वारा लोहड़ी पर्व बुधवार को परंपरागत तरीके से मनाया गया। घरों में पकवान बनाए गए। देर शाम शहर के नदरई गेट स्थित गुरुद्वारे में सिख और पंजाबी समाज के लोगों ने कार्यक्रम का आयोजन किया। लोहड़ी की परिक्रमा की गई। मूंगफली, रेवड़ी, पोपकोर्न की आहुति दी गई।

सिख समाज द्वारा मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर लोहड़ी पर्व मनाया जाता है। यह पंजाबी समाज का प्रमुख त्योहार है। पर्व को लेकर सुबह से ही समाज के बड़े-बूढ़े व बच्चों में उत्साह था। घरों में कार्यक्रम हुए। शाम को शहर के नदरई गेट स्थित गुरुद्वारे पर समाज के लोगों ने लोहड़ी मनाई। लोहड़ी के गीत गाए, सभी खुशियों से झूमे। एक-दूसरे को लोहड़ी पर्व की बधाई दी। कार्यक्रम के समापन पर गुड़, तिल, रेबड़ी, गजक और मूंगफली का प्रसाद वितरित किया गया। महिलाओं ने दुल्ला भट्टी की कहानी गाई। इस अवसर पर बूटा सिंह, सत्यवीर सिंह, बलदेव सिंह, हरभजन सिंह, सतवेंद्र कौर, मंजीत कौर, जितेंद्र कौर, कुलदीप सिंह, जगजीत सिंह, संदीप सिंह, अशोक सिंह, रघुवीर सिंह, प्रीति सिंह, चरनजीत सिंह आदि सिख और पंजाबी समाज के लोग मौजूद रहे।

मौसम में रही गलनभरी सर्दी: बुधवार को सुबह सर्द हवाओं से मौसम में गलनभरी ठंड रही। दोपहर को सूर्य निकलने से ठिठुरन से कुछ राहत महसूस की गई। शाम होते ही फिर शीतलहर चली तो ठिठुरन बढ़ गई। गलनभरी ठंड से जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। सुबह बाजार देरी से खुले। कोहरे के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

बुधवार को मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा। तापमान लुढ़ककर 4 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। मंगलवार रात से ही कोहरा छाया, जो बुधवार की सुबह और अधिक गहरा गया। जमीन से आसमान तक कोहरा दिखाई दिया। कोहरे के कारण ²श्यता कम हो जाने से वाहन रेंगकर चले। वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह 11 बजे के बाद धूप निकली तो ठिठुरन से कुछ राहत महसूस की गई, लेकिन सर्दी बरकरार रही। शाम 4 बजे के बाद सूर्यदेव अस्त हो गए और शीतलहर चली तो फिर से वातावरण में ठिठुरन पैदा हो गई। लोग सर्दी से निजात पाने के लिए अलाव जलाकर बैठे।

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