अभाव में जी रहा कारगिल शहीद का परिवार, नहीं मिलतीं सुविधाएं

कासगंज संवाद सहयोगी तीन मई से 26 जुलाई तक चले कारगिल युद्ध में जिले के किसरोली का सैनिक भी शहीद हुआ था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:19 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 05:19 AM (IST)
अभाव में जी रहा कारगिल शहीद का परिवार, नहीं मिलतीं सुविधाएं
अभाव में जी रहा कारगिल शहीद का परिवार, नहीं मिलतीं सुविधाएं

कासगंज, संवाद सहयोगी : तीन मई से 26 जुलाई तक चले कारगिल युद्ध में जिले के किसरोली का सैनिक भी शहीद हुआ था। शहीद का परिवार अभाव में जी रहा है। विधवा को इस बात का दुख है कि उसके दोनों बेटे बेरोजगार हैं। कोई सरकारी सहायता नहीं मिलती। वर्ष में एक बार सम्मान के लिए कारगिल शहीद दिवस पर बुलाया जाता है।

कासगंज विकास खंड के गांव किसरोली का कुंवरपाल सेना में लायंस नायक के पद पर तैनात था। कारगिल युद्ध के दौरान उसकी तैनाती श्रीनगर में थी। दुश्मनों की बमबारी में 16 अक्टूबर सन 2000 में शहीद हो गए थे। शहीद होने के समय तमाम तरह के अश्वासन परिवार को दिए गए, लेकिन अभी तक केवल विभागीय देयों के अलावा परिवार को कोई लाभ नहीं मिला। विधवा ने विभागीय देयों से मिली धनराशि से गांव में ही पांच बीघा जमीन खरीद ली। स्वयं और मजदूरों से खेती कराकर बच्चों को बड़ा किया। परिवार अभी भी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। शहीद के दोनों पुत्र बेरोजगार हैं। परिवार को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है। शहरी की विधवा सरोज देवी सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने से व्यथित हैं। शहीद के स्मारक पर भी वर्षो बीत जाने के बाद भी रोशनी का प्रबंध नहीं है। परिवार ही कारगिल दिवस पर यहां शहीद को याद करता है, सरकारी कोई आयोजन नहीं होता। सरकार से भूमि पट्टे के लिए कई बार गुहार लगाई। अभी तक पट्टा नहीं हुआ। दोनों बेटे बेरोजगार हैं। किसी को भी सरकारी नौकरी नहीं मिली। स्मारक भी पूर्व सैनिक संगठन की आर्थिक मदद से बनवाया गया है। यहां अभी तक विद्युत व्यवस्था प्रशासन ने नहीं कराई है।

- सरोज देवी, शहीद की विधवा

chat bot
आपका साथी