विकास का नामोनिशान नहीं है गांव कादरबाड़ी

जलनिकासी का कोई साधन नहीं है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। पात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 06:00 AM (IST)
विकास का नामोनिशान नहीं है गांव कादरबाड़ी
विकास का नामोनिशान नहीं है गांव कादरबाड़ी

कासगंज, संवाद सूत्र। सोरों विकास खंड का गांव कादरबाड़ी विकास से अछूता है। जगह-जगह कूड़े और घूरे के ढेर लगे हैं। उखड़े खरंजे, टूटी नालियां इस गांव की पहचान बन चुकी है। पात्रों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों गांव की इस दुर्दशा के लिए जनप्रतिनिधियों को दोषी मानते हैं।

गांव कादरबाड़ी के विकास पर नजर दौड़ाई जाए तो चहुंओर अव्यवस्था नजर आएगी। गांव पर तैनात कर्मचारी सफाई करने नहीं आता है। इससे जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। ग्रामीणों की लापरवाही से जगह-जगह घूरे के ढेर भी लगे हुए हैं। सड़कें नाली टूटी हैं। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर आकर गंदगी को बढ़ावा देता है। कई मार्गाें से राह निकलना दूभर हो जाता है। विधवा, दिव्यांग, और वृद्धावस्था पेंशन के पात्रों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। बीते वर्ष तक कई पात्रों की पेंशन खाते में आई थी, लेकिन इस बार अब पेंशन भी आना बंद हो गई है। पात्र विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव की दुर्दशा के लिए ग्राम प्रधान और जनप्रतिनिधि दोषी हैं, जिन्होंने गांव के विकास के लिए कभी मुड़कर पर भी नहीं देखा। जबकि ग्रामीण कई बार विधायक देवेंद्र राजपूत से भी विकास के लिए गुहार लगा चुके हैं। विधायक से केवल आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला है। शौचालय के लिए नहीं बने हैं टैंक

कादरबाड़ी में कई शौचालय अधूरे हैं। इनमें टैंक नहीं बने हैं। ग्रामीणें ने शौचालय में लकड़ी और उपले भरकर ताले लगा दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने गांव को ओडीएफ घोषित कर दिया है, जबकि तमाम पात्र वंचित हैं। शौचालय भी अधूरे पड़े हैं। प्रधान का मोबाइल नंबर मिला स्विच आफ

गांव प्रधान ख्यालीराम घर पर मिले नहीं। जब उनके मोबाइल नंबर पर बात करने का प्रयास किया तो मोबाइल नंबर स्विच आफ बताता रहा। विकास की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत और जनप्रतिनिधियों की होती है, लेकिन गांव के विकास पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। गांव की हालत बदतर है।

पूरन सिंह, कादरबाड़ी सफाई कर्मचारी सफाई को नहीं आता है। यही कारण है कि गांव में गंदगी ही गंदगी है। बारिश में तो हालात बेहद खराब होते हैं। गांव में जलभराव हो जाता है।

राजेश सक्सेना, कादरबाड़ी

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