आलू के बिना अधूरी है तरकारी
आलू महंगे होने से अब बिन आलू की सब्जियों की मांग बढ़ गई। समोसे में भी आलू की मात्रा घट गई।
कासगंज, संवाद सहयोगी। बहुतायत में आलू अधिकांश सब्जियों में प्रयोग किया जाता है, लेकिन इन दिनों आलू महंगा होने से बिना आलू बनने वाली सब्जियों की मांग बढ़ गई है। यह सब्जियां आलू से सस्ती हो गई हैं। समोसे और टिक्की में आलू की मात्रा कम हो गई है या फिर इनकी कीमतें बढ़ गई हैं।
आलू सब्जियों का राजा, जिसे यों ही नहीं कहा जाता। अधिकांशत: सब्जियों में इसका उपयोग होता है। सर्दियों के मौसम में तो विशेषकर ऐसी सब्जियां बाजार में होती हैं जो बिना आलू के बनती ही नहीं। जबकि इन सब्जियों का सीजन आ गया है तो आलू की मांग भी बढ़नी चाहिए, लेकिन इसकी मांग तो कम हो गई है। लोग बिना आलू की बनने वाली सब्जियों को खरीद रहे हैं। बाजार में हरी सब्जियों की कीमतें कम हैं। आलू सब्जियों के अलावा व्यंजन बनाने में भी प्रयोग किया जाता है। समोसे, टिक्की, पकौड़े, चिप्स और पापड़ भी आलू से बनते हैं। आलू महंगा हुआ है तो समोसे और टिक्की वालों ने इसकी मात्रा कम कर दी है या फिर इनकी कीमतें बढ़ा दी हैं।
हरी सब्जियों की कीमतें
सब्जी, कीमत
लोकी, 20 रुपये
बैंगन, 20 रुपये
काशीफल, 20 रुपये
मूली, 20 रुपये
पालक, 20 रुपये
भिडी, 20 रुपये
गुआर की फली, 40 रुपये
गोभी, 30 रुपये
अरबी, 40 रुपये
आलू, 45 से 50 70 रुपये किलो बिक रहा नया आलू
बाजार में इन दिनों नए आलू की भी आमद हो गई है, लेकिन यह आलू बाहर की मंडियों से आ रहा है। स्थानीय आलू की आमद दीपावली पर्व के समीप होगी। बाहर से आने वाला नया आलू 70 रुपये किलो बिक रहा है।