मुआवजे के लिए भटक रहे अन्नदाता
ग्राम मामों में नौ वर्ष पूर्व जनपद न्यायालय के लिए भूमि अधिग्रहण की गई थी। अब किसान अधिकारियों के दरबार में चक्कर काट रहे हैं।
कासगंज, संवाद सहयोगी। ग्राम मामों में जिला न्यायालय की स्थापना के लिए जिला प्रशासन ने भूमि का अधिग्रहण किया था। किसानों को चार गुना मुआवजा दिए जाने का भरोसा दिलाया गया था। कुछ किसानों ने संघर्ष के बाद मुआवजा पा लिया है, लेकिन दर्जनों किसान अभी भी मुआवजे के लिए आलाधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं।
वर्ष 2008 में कासगंज जनपद सृजित हुआ तो फिर यहां कार्यालय की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण का सिलसिला शुरू हुआ। वर्ष 2011 में जनपद न्यायालय के लिए ग्राम मामों में भूमि चिह्नित कर अधिग्रहण कर लिया। इस दौरान किसानों को चौगुना मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में उन्हें यह मुआवजा नहीं दिया गया। प्रशासन द्वारा निर्धारित मुआवजा कुछ किसानों को मिल गया। मुआवजे के लिए किसानों ने कई बार आंदोलन किए। इतना ही नहीं जिला न्यायालय के भवन निर्माण कार्य में भी अवरोध किया। इस विवाद में कई ग्रामीण महिला और पुरुष जेल भी गए। जिन किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है वह दर-दर ठोकरें खा रहे हैं। इन किसानों में से कई अब इस दुनिया में भी नहीं हैं। आंकड़े एक नजर में
115 भूमि अधिगृहीत की गई किसानों की संख्या
54 मुआवजा पा चुके किसानों की संख्या
61 मुआवजे के लिए भटक रहे किसान शासन ने किसानों को मुआवजा दिया है। अभी तक जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका है, कहीं न कहीं उनकी प्रक्रिया में खामी है। खामियां दूर होते ही उन्हें मुआवजा मिल जाएगा।
सीपी सिंह, डीएम