लाकडाउन में किसानों को नहीं मिल रहे सब्जी के वाजिब दाम

लाकडाउन के चलते किसानों को उनकी फसल एवं सब्जी का वाजिब मूल्य नही

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 05:22 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 05:22 AM (IST)
लाकडाउन में किसानों को नहीं मिल रहे सब्जी के वाजिब दाम
लाकडाउन में किसानों को नहीं मिल रहे सब्जी के वाजिब दाम

संवाद सहयोगी, कासगंज : लाकडाउन के चलते किसानों को उनकी फसल एवं सब्जी का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है। खेतों में खड़ी फसल की खपत कम होने से किसान प्रभावित हो रहे हैं। सब्जी की फसल को भी नुकसान हो रहा है। जिससे किसान परेशान हैं।

इन दिनों कोरोना काल के चलते लाकडाउन जारी है। बाजारों में सब्जी विक्रेताओं के अलावा हथठेल भी नहीं लग पा रहे हैं। जिससे सब्जी खेतों में ही पड़ी है। इससे किसानों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। आढ़तिया भी किसानों को सब्जी का वाजिब मूल्य अदा नहीं कर पा रहे हैं। जो सब्जी लाकडाउन से पहले सौ रुपये धड़ी बिकती थी, आज उसकी कीमत घटकर 50 से 60 रुपये धड़ी रह गई है। किसान परेशान हैं। सब्जी भी खेतों में खराब हो रही है।

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खेत में पालक एवं तोरई लौकी की फसल मौजूद है। सुबह ही मंडी ले जाते हैं। जो दाम आढ़तिया दे रहा है उससे फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है। काफी परेशान हैं।

- विनोद कुमार कुशवाह, किसान

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गोभी मिर्च के साथ-साथ लौकी तोरई की बेल भी खेत में है। जो सौदा ऊंची कीमत में लाकडाउन से पहले बिकती थी, वो अब आधी कीमत में आढ़तियों द्वारा खरीदी जा रही है। - कल्लू सिंह, किसान गुरु शंकराचार्य की मनाई जयंती : विश्व हिदू परिषद के कैंप कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने उपस्थित होकर आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती मनाई है। संगठन के जिला मंत्री सुखवीर सिंह पुंढीर ने उनके चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया है। धर्म प्रचार, प्रसार प्रमुख रघुवर दयाल बघेल, प्रखंड उपाध्यक्ष संतोष वर्मा ने आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सात वर्ष की आयु में वेद पुराण के विद्वान बनने के बाद उन्होंन आठ वर्ष की आयु में संन्यास ले लिया था। 16 वर्ष की आयु में लेखन कार्य पूर्ण कर धर्म की रक्षा के लिए देश भर में यात्राएं की। चार मठ स्थापित किए। जिला धर्म प्रसार प्रमुख ने अपील करते हुए कहा कि हिदू समाज अपने धर्म के प्रति आस्थावान रहे। अपने परिवार में बच्चो को देश की संस्कृति से संबंधित एवं महान संतों से जुड़े वृतांत सुनाकर धर्म के प्रति जाग्रति पैदा करें।

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