फर्जी शिक्षिकाओं की जांच पर लगा कोरोना का ग्रहण

जिले में फर्जी पाई गईं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की शिक्षिकाओं पर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 04:20 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 04:20 AM (IST)
फर्जी शिक्षिकाओं की जांच पर लगा कोरोना का ग्रहण
फर्जी शिक्षिकाओं की जांच पर लगा कोरोना का ग्रहण

संवाद सहयोगी, कासगंज: जिले में फर्जी पाई गईं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की शिक्षिकाओं पर भले ही शिक्षा विभाग ने कार्रवाई कर दी हो, लेकिन मुकदमे के बाद पुलिस कार्रवाई में पीछे दिखाई दी है। न तो शिक्षा विभाग पुलिस से इस बारे में कोई पत्राचार कर रहा है और न ही पुलिस अपनी जांच आगे बढ़ा रही है। कोरोना काल में तो पुलिस ने इस जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

प्रदेश में 25 स्कूलों में फर्जी तरीके से नौकरी करने के मामले में सुर्खियों में आई शिक्षिका अनामिका शुक्ला की कासगंज में सबसे पहले गिरफ्तारी पिछले साल जून माह में हुई। उसके बाद जिले भर के सभी स्कूलों में मामले की जांच शुरू हुई। दस्तावेजों की जांच के लिए बीएसए अंजलि अग्रवाल ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और नगर शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के जिला समन्वयक को भी जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई तो जिले में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की तीन और शिक्षिकाएं फर्जी पाई गईं। सोरों, अमापुर, सहावर के कस्तूरबा गांधी विद्यायल की इन फर्जी शिक्षिकाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई। सभी की सेवाएं बेसिक शिक्षा विभाग में समाप्त कर दी। उसके बाद इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद इनके खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई। अब जब लाकडाउन चल रहा है तब तो पुलिस बिल्कुल भी कार्रवाई से पीछे है। किसी भी शिक्षिका की अभी तक कोई तलाश नहीं हो सकी है। इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग भी फर्जी शिक्षकों से धनराशि वसूली के लिए कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ा सका है।

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जो शिक्षिकाएं फर्जी पाई गई थीं। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया। पुलिस मामले में कार्रवाई करेगी। इस संबंध में पुलिस के उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया जाएगा। - अंजलि अग्रवाल, बीएसए

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