बंदी महिलाओं के साथ रह रहे बच्चे अब हो सकेंगे शिक्षित

कासगंज संवाद सहयोगी जिला कारागार में बंदी महिलाओं के साथ रह रहे बच्चे अब शिक्षित हो सकेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:24 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:24 AM (IST)
बंदी महिलाओं के साथ रह रहे बच्चे अब हो सकेंगे शिक्षित
बंदी महिलाओं के साथ रह रहे बच्चे अब हो सकेंगे शिक्षित

कासगंज, संवाद सहयोगी : जिला कारागार में बंदी महिलाओं के साथ रह रहे बच्चे अब शिक्षित हो सकेंगे। राष्ट्रीय युवा शक्ति प्रमुख एवं जेल सुधार के क्षेत्र में कार्य कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता ने जेल में स्कूल खोला है। शहर के एक स्कूल में बच्चों का पंजीकरण कराया गया है।

जिला जेल में लगभग 50 महिलाएं विभिन्न मामलों में निरुद्ध हैं। इनके साथ छह वर्ष तक के 10 बच्चे रह रहे हैं। इन बच्चों के सामने शिक्षा ग्रहण करने की समस्या है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप रघुनंदन ने बच्चों के भविष्य को देखते हुए जेल अधीक्षक एएन सिंह के साथ मिलकर बंदी महिलाओं के साथ रह रहे बच्चों को शिक्षित करने के लिए योजना बनाई और जेल में विद्यालय शुरू करा दिया। विद्यालय में बच्चों को ड्रेस, पठन पाठन की सामग्री उपलब्ध कराई। साथ ही इन बच्चों का शहर के दद्दा पब्लिक स्कूल में पंजीकरण भी कराया है। जेल में बनाए गए विद्यालय में प्रतिदिन कक्षाएं संचालित हो रही हैं। यहां कारागार में निरुद्ध बंदी आशा देवी अध्यापिका का दायित्व संभाल रही हैं। प्रदीप रघुनंदन के इस प्रयास की सराहना हो रही है। प्रदीप रघुनंदन को भारत सरकार की ओर से 2021 में पदमश्री के लिए नामित किया गया है। बीते 15 वर्षों से जेल सुधार के लिए कार्य कर रहा हूं। जेल में बंदी महिलाओं के साथ रह रहे बच्चों को शिक्षित करने के लिए यह पहल की है। दद्दा पब्लिक स्कूल के प्रबंधक मनोज शर्मा एवं जेल अधीक्षक एएन सिंह का सहयोग सराहनीय है।

- प्रदीप रघुनंदन, समाजिक कार्यकर्ता जेल में बच्चों के लिए स्कूल बनाने का काम एक अभिनव पहल है। इससे बच्चों को शिक्षित बनाने में मदद मिलेगी। इसके लिए सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप रघुनंदन बधाई के पात्र हैं।

- एएन सिंह जेल अधीक्षक

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