चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन घर-घर पूजी गई मां शैलपुत्री

कागसंज जागरण टीम चैत्र नवरात्र के पहले दिन जगत जननी के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की घर-घर में पूजा की गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 05:31 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 05:31 AM (IST)
चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन घर-घर पूजी गई मां शैलपुत्री
चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन घर-घर पूजी गई मां शैलपुत्री

कागसंज, जागरण टीम: चैत्र नवरात्र के पहले दिन जगत जननी के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की घर-घर में पूजा की गई। मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। शहर से कस्बों तक के मंदिर मां की जय-जयकार से गूंजते रहे। शहर के सरकुलर रोड स्थित माता चामुंडा मंदिर पर भोर से ही श्रद्धालुओं की कतारें लगने लगीं। पूजा कर श्रद्धालुओं ने माता से मनौती मांगी।

शहर के चामुंडा मंदिर सहित काली मंदिर, पथवारी मंदिर, शीतला मंदिर पर भी भक्तों की भीड़ दिखी। अमांपुर में मां की आराधना करने के लिए कस्बा के मंदिरों में देवी भक्तों की भीड़ लगी रही। नवरात्र का पहला दिन होने की वजह से भक्तों ने कलश की स्थापना की। कस्बा सिढ़पुरा में नवरात्र के प्रथम दिन मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। सहावर के गमा देवी धाम मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने माता की पूजा की। जिले के पटियाली, गंजडुंडवारा, सोरों में भी श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंचकर मां की पूजा की। श्रद्धालुओं में नहीं था कोरोना का भय

भक्तों ने कोरोना के भय को भुलाकर मंदिरों में जाकर पूजा की। सरकार की गाइड लाइन की परवाह किए बगैर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचे। शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा था। आधे से अधिक भक्त बिना मास्क के मंदिरों में प्रवेश कर रहे थे। नियमों का पालन कराने को नहीं थे पुलिसकर्मी

शहर के चामुंडा मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और कोरोना नियमों के पालन कराने के लिए, यहां पुलिस की व्यवस्था नहीं थी। मात्र दो पुलिसकर्मी ही तैनात थे। वे भी किसी को टोक नहीं रहे थे। दंडौती लगा मंदिर तक पहुंचे श्रद्धालु

तमाम प्रतिबंधों के बावजूद भी कोरोना पर श्रद्धा भारी पड़ी। दर्जनों भक्त नवरात्र के प्रथम दिन दंडौती लगाकर माता चामुंडा रानी के दरबार तक पहुंचे और पूजा की। दंडौती कर मंदिर पहुंचे राकेश का कहना था कि वह हर साल इसी प्रकार माता के दर्शन करने आते हैं। बीते वर्ष कोरोना काल में लाकडाउन के चलते नहीं आए थे। इस बार भी मन में कुछ भ्रम था, लेकिन माता की कृपा मंदिर तक ले आई।

chat bot
आपका साथी