भरगैन में पूर्व चेयरमेन नजरबंद, पहरौली में हुआ हंगामा
शांतिपूर्वक संपन्न हुआ मतदान दौड़ता रहा फोर्स पहरौली में शिकायत पर मतदान अधिकारी संबद्ध
कासगंज, जेएनएन। जिले की तीन विधानसभाओं में मंगलवार को शांतिपूर्वक मतदान संपन्न हुआ। हालांकि भरगैन में सपा नेता एवं पूर्व चेयरमेन को पुलिस ने सुबह से घर में नजरबंद कर दिया। इसके बाद स्थिति को संभालने के लिए उन्हें पटियाली थाने पहुंचा दिया। इधर पहरौली में मतदान को लेकर बीजेपी एजेंट और मतदान अधिकारी में हॉट-टॉक हो गई। पुलिस बीजेपी एजेंट के साथ एक वोटर को भी थाना सिढ़पुरा ले आई। दिन भर डीएम और एसपी फोर्स के साथ बूथों पर घूमते रहे।
सुबह शांति पूर्वक मतदान शुरू हुआ। हर बूथ पर फोर्स तैनात रहा। भरगैन में मतदान प्रभावित होने एवं झगड़े की आशंका के चलते प्रशासन ने पंचायत अध्यक्ष हच्जिन जैतून बानों के पति, सपा नेता एवं पूर्व चेयरमेन हाजी अहमद नफीस और उनके पुत्र अहमद हुसैन को घर में नजरबंद करने के आदेश दिए। पुलिस ने उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया। इसके बाद में कसबे की भीड़ भी यहां पर पहुंच गई। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन दोनों को कोतवाली पटियाली में ले आए। यहां पर उन्हें शाम तक नजरबंद रखा। हालांकि सपा नेता हाजी अहमद नफीस का कहना है कि सत्ता पक्ष के प्रभाव में उन्होंने यह कार्रवाई की है। हालांकि इंस्पेक्टर मनोज कुमार का कहना है कि झगड़े की आशंका के चलते उन्हें कोतवाली पर बैठाया गया था।
इधर पहरोली में दोपहर 12 बजे करीब बूथ पर वोट को लेकर विवाद हो गया। भाजपा एजेंट रंजीत ने मतदान अधिकारी पर भाजपा के वोट न डाले जाने का आरोप लगाया। मामला एक वोटर के चैलेंज वोट का था। बूथ पर विवाद होने की खबर पर पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया। मामला अधिकारियों तक पहुंचा तो बूथ पर एक और मतदान अधिकारी को संबद्ध किया तथा आरोप लगाने वाले एजेंट के साथ में एक व्यक्ति को पुलिस थाना सिढ़पुरा ले गई। जहां गांव के लोग भी पहुंच गए। मतदान के बाद इन्हें थाने से जाने दिया।
हथौड़ावन में युवकों की भीड़ को खदेड़ा : हथौड़ावन में डीएम एव एसपी के पहुंचने पर बूथ के बाहर से कई युवक एवं बच्चे भाग खड़े हुए। बूथ के सामने स्थित घर में जाकर इन्होंने दरवाजे बंद कर लिए। यह देख अधिकारियों को शक हुआ। उन्होंने दरवाजे खुलवाए तो युवक भागने लगे। पुलिस ने इन्हें खदेड़ते हुए आदेश दिए कि बूथ पर कोई भी व्यक्ति फिजूल में खड़ा न हो।
कई प्रधान रहे घर में कैद :
प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहले ही तैयारी कर ली थी। कई गांवों के प्रधानों को पहले ही नोटिस जारी करते हुए कहा था कि वह अपना वोट डालने के बाद बूथ के पास नहीं दिखाई दें। घर पर ही रहें, अन्यथा कार्रवाई होगी। ऐसे में प्रधान घरों में कैद रहे।